कंपनी में काम के घंटे फिक्स, शाम 7 बजे के बाद मानी जाएगी नाइट ड्यूटी; UP में 63 साल बाद बदल गया ये कानून
उत्तर प्रदेश सरकार ने 63 साल पुराने श्रम कानून में बदलाव कर कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है. नए संशोधन के तहत अब काम के घंटे तय होंगे और शाम 7 बजे के बाद नाइट ड्यूटी मानी जाएगी. नए नियमों में ओवर टाइम, छुट्टियां और सामाजिक सुरक्षा के स्पष्ट प्रावधान किए गए हैं. यह कानून 20 से अधिक कर्मचारियों वाली कंपनियों और फैक्ट्रियों पर लागू होगा, जिससे कामगारों को सुरक्षित माहौल मिलेगा.
उत्तर प्रदेश में चाहें कारपोरेट कंपनी हों या फैक्ट्री, यहां के कामगारों के लिए सरकार ने 63 साल पुराने कानून में बदलाव कर बड़ी राहत दी है. नए कानून के तहत कामगारों के हितों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने ना केवल उनके काम के घंटे फिक्स कर दिए हैं, बल्कि ओवरटाइम, शिफ्ट सिस्टम और छुट्टियों को लेकर भी स्पष्ट प्रावधान कर दिए हैं. इसमें खास ध्यान रखा गया है कि किसी भी कंपनी या फैक्ट्री में काम करने वाला कामगार पर अतिरिक्त दबाव ना पड़े.
कामगारों के इसी दर्द को इलाज करने के लिए बीमारी की जड़ 1962 के दुकान और वाणिज्य अधिष्ठान अधिनियम में संशोधन कर दिया है. इसका उद्देश्य है कि सभी कामगारों को काम के स्थान पर सुरक्षित माहौल मिले. उनके काम के घंटे तय हों. उन्हें पर्याप्त छुट्टियां और अन्य जरूरी सुविधाएं मिलें. श्रम मंत्री अनिल राजभर के मुताबिक जल्द ही यह संशोधन उत्तर प्रदेश में संचालित उन सभी कंपनियों और फैक्ट्रियों में लागू हो जाएगा, जहां 20 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं.
इन संस्थानों पर लागू होगा कानून
श्रम मंत्री के मुताबिक संशोधन के बाद इस कानून का दायरा काफी बड़ा हो जाएगा. इसमें क्लिनिक, पॉलीक्लिनिक, नर्सिंग होम, आर्किटेक्ट, टैक्स सलाहकार, टेक्निकल सलाहकार, सेवा प्रदाता, सर्विस सेंटर और ऐसे तमाम व्यवसायिक प्रतिष्ठान भी शामिल हो गए हैं. उन्होंने साफ किया कि इस संशोधन से छोटे प्रतिष्ठानों पर तो ज्यादा असर नहीं होगा, लेकिन बड़े प्रतिष्ठानों में निर्धारित नियमों के तहत ही कर्मचारियों को सुविधाएं उपलब्ध करानी होंगी. इसमें कामगारों के सोशल सिक्योरिटी को भी खास स्थान दिया गया है.
7 बजे के बाद मानी जाएगी नाइट शिफ्ट
श्रम विभाग के अधिकारियों के मुताबिक संशोधित कानून में काम के घंटे तय होंगे. इसी प्रकार छुट्टियां और ओवरटाइम का भी फार्मूला है. खासतौर पर यदि महिला कर्मचारी शाम को सात बजे के बाद की शिफ्ट में काम करती है तो उसे नाइट ड्यूटी माना जाएगा. अभी तक नाइट शिफ्ट रात में 9 से सुबह 6 बजे तक होती थी, लेकिन अब शाम 7 से सुबह 6 बजे तक मानी जाएगी. इसी प्रकार काम के घंटे 8 से बढ़ाकर 9 घंटे कर दिए गए हैं. हालांकि हफ्ते में 48 घंटे ही काम के रहेंगे. वहीं एक दिन में किसी भी कर्मचारी से अधिकतम 11 घंटे काम लिया जा सकता है. पहले 10 घंटे ही यह लिमिट थी. अब 3 महीने में ओवरटाइम के घंटों की लिमिट 125 से बढ़ाकर 144 घंटे कर दी गई है.
कंपनियों को भी मिलेगा मौका
श्रम मंत्री के मुताबिक अब हर कंपनी को अपने स्टॉफ का नियुक्ति पत्र जारी करना होगा. यह प्रावधान रिकॉर्ड पारदर्शी रखने के लिए किया गया है. इसी क्रम में सरकार ने कंपनियों को भी सुधार का मौका दिया है. पहले शिकायत पर सीधी कार्रवाई होती थी, अब शिकायत आने पर कंपनी को सुधार करने के लिए 15 दिन का वक्त दिया जाएगा. वहीं पहले नियमों का उल्लंघन करने पर 100 से 500 रुपए तक ही जुर्माना लगता था. अब जुर्माने की राशि पहली गलती पर 2,000 और दोहराने पर 10 हजार कर दिया गया है.