मैनपुरी के इस परिवार में लोग क्यों कर रहे सुसाइड? 17 साल में 10 लोग दे चुके हैं जान, हैरान कर देगी कहानी
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में एक परिवार के 10 लोगों ने पिछले 17 वर्षों में सुसाइड किया है. अभी तीन दिन पहले भी इस परिवार के एक युवक ने आत्महत्या की है. पुलिस मामले की जांच कर रही है, लेकिन अभी तक इस परिवार में हो रही सुसाइड का कोई ठोस कारण सामने नहीं आया है. उधर, ग्रामीणों में इस घटना को लेकर अंधविश्वास और भय व्याप्त है.

उत्तर प्रदेश के मैनपुरी से एक हैरान करने वाली खबर आई है. इस परिवार में बीते 17 सालों में 10 लोगों ने सुसाइड कर ली है. अभी तीन दिन पहले ही परिवार के एक युवक ने सुसाइड किया है. जबकि 21 दिन पहले इस युवक के चाचा ने और 4 महीने पहले उसकी बहन ने सुसाइड किया था. इस परिवार में इस तरह से हो रही सुसाइड की घटनाओं को लेकर गांव ही नहीं, पूरे जिले में अलग अलग तरह की चर्चा हो रही है. मामला मैनपुरी के सकत गांव का है.
मैनपुरी पुलिस के मुताबिक सकत गांव में बीते शुक्रवार को जितेंद्र नामक 18 वर्षीय युवक ने सुसाइड किया है. उसका शव फंदे से लटका मिला है. पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. हालांकि अभी तक इस सुसाइड की कोई ठोस वजह सामने नहीं आई है. युवक के दादा ने हीरालाल ने बताया कि वह शुक्रवार की सुबह करीब 10 बजे खेतों में गया था. उसने बताया था जामुन खाने जा रहा है. करीब चार घंटे बाद उसका शव पेड़ से लटका हुआ मिला है.
पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा
उसकी मौत की खबर मिलते ही परिवार में मातम छा गया. वहीं एक ही परिवार में 17 वर्षों के अंदर सुसाइड की चर्चा भी जोर शोर से होने लगी है. लोग इस परिवार के घर में किसी अदृश्य शाया की बात करने लगे है. उधर, सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने शव का पंचनामा कराया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. पुलिस के मुताबिक अभी तक तक जितेंद्र की सुसाइड की कोई ठोस वजह सामने नहीं आई है. फिलहाल पुलिस ने मृतक के भाई गजेंद्र की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया है.
5 महीने में ही 4 लोगों ने कर लिया सुसाइड
इस परिवार के चार लोगों ने बीते पांच महीने के अंदर सुसाइड किया है. इनमें मृतक जितेंद्र के दादा शेर सिंह ने साढ़े चार महीने पहले फांसी लगाई थी. उसके बाद एक महीने के अंदर ही जितेंद्र की बहन फंदे से झूल गई. पिछले महीने उसके चाचा बलवंत तो अब खुद जितेंद्र ने फांसी लगा ली. पांच महीने में हुई इन चार मौतों के बाद इस परिवार में अब अब जितेंद्र के पिता रामबरन और मां के अलावा एक भाई और बहन जिंदा बची है.



