प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना: यहां 9,146 घरों में सोलर पैनल, 2027 तक 8 लाख रूफटॉप बनाने की तैयारी

देश में बिजली के प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भरता को कम करने के लिए प्रधानमंत्री सूर्यघर बिजली योजना के तहत काम किया जा रहा है. अब उत्तर प्रदेश के मीरजापुर जिले में तीन सालों में 27585 सोलर पैनल लगाया जाना है.

प्रधानमंत्री सूर्यघर बिजली योजना

उत्तर प्रदेश के गांव-गांव में प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना को पहुंचाने के लिए अलग-अलग लेवल पर काम किया जा रहा है. इसी क्रम में यूपी को विंध्य के इलाकों में इस योजना को पहुंचाने की तैयारी है. इस योजना के जरिए मीरजापुर के तीन सालों में कुल 27585 सोलर पैनल लगाए जाने हैं. वहीं 2025-26 के बीच सोलर पैनल से कुल 9146 घरों को रोशन करने की तैयारी है, जिससे उनको इस योजना का लाभ मिल सके.

सरकार की तरफ से दिए जा रहे हैं पैसे

लोगों के घरों में सोलर पैनल को लगाने के लिए सरकार की तरफ से पैसे दिए जा रहे हैं. इसकी जानकारी पीओ नेडा राजीव कुमार सिंह की तरफ से जानकारी दी गई. मीडिया रिपोर्ट में उनकी तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक, 1 किलोवाट के लिए 45 हजार, दो किलोवाट पर 90 हजार और तीन किलोवाट पर एक लाख 8 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है. जिन उपभोक्ताओं को 10 किलोवाट के सोलर पैनल लगवाने हैं वो अपने घर की छत पर सोलर पैनल लगवा सकते हैं. और इसके जरिए बिजली का इस्तेमाल करके वो अपने 25 साल तक के बिजली के बिल से बचत कर सकते हैं

2027 तक कितना है लक्ष्य?

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से प्रधान मंत्री सूर्य घर योजना में राज्य के अलग-अलग जिलों को मिलाकर मार्च 2027 तक 8 लाख सोलर रूफटॉप पैनल को लगाया जाना है. बात करें इस वित्तीय वर्ष की तो इसमें 2.65 लाख यूनिट का सेटअप किया जाना है. इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, हर महीने 22,000 सोलर पैनल का इंस्टॉमेंट किया जाना है. ताकि इसके लक्ष्य तक पहुंचा जा सके. इसका मतलब है कि इन आंकड़ों तक पहुंचने के लिए हर महीने तकरीबन 300 सोलर पैनल का इंस्टॉलमेंट किया जाना है.

क्यों लगाए जा रहे हैं सोलर पैनल?

इस योजना को जमीनी तौर पर व्यवस्थित तरीके से लागू करने के लिए इन लक्ष्यों को जिला स्तर, DISCOM (बिजली वितरण कंपनियां), नगर निगम, और नगरपालिका लेवल पर स्कीम की प्रगति को मुख्यमंत्री के डैशबोर्ड के माध्यम से जोड़ा गया है, ताकि इसके कामों की प्रगति की जांच भी की जाती रहे.

देश में कोयला, पेट्रोल, डीज़ल आदि पर बिजली उत्पादन को लेकर निर्भरता कम हो इसके लिए अलग-अलग से बिजली उत्पादन की प्रक्रिया को पूरा करना है. उनमें से एक सोलर पैनल भी है. इसके अलावा बायोमास, न्यूक्लियर आदि को भी शामिल किया गया है.