यूपी में 3000 से अधिक बाल वाटिकाएं बनकर तैयार, 15 अगस्त से होंगी चालू

उत्तर प्रदेश में प्राइमरी स्कूलों के मर्जर के बाद अब बाल वाटिकाएं शुरू करने तैयारी कर ली गई है. योगी सरकार 15 अगस्त को 3000 से अधिक बाल वाटिकाएं शुरू करने जा रही है. इन बाल वाटिकाओं में बच्चों के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध होंगी. शिक्षकों को भी विशेष प्रशिक्षण दिया गया है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो) Image Credit: PTI

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार 15 अगस्त को 3000 से अधिक बालवाटिकाएं शुरू करने जा रही है. प्राइमरी एजुकेशन के क्षेत्र में यह एक बड़ी उपलब्धि है. सरकार ने हाल में कई स्कूलों को मर्ज किया है. उन खाली हुए भवनों को बालवाटिका केंद्र में बदला गया है. इस अवसर पर अभिभावक को भी बच्चों के साथ आमंत्रित किया गया है.

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा (ECCE) के आधार पर यह निर्णय लिया गया है. इसी के तहत योगी सरकार ने सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों को बालवाटिका में बदलने का फैसला किया है. बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि बच्चों को शिक्षा का मजबूत आधार देने की दिशा में यह बड़ा कदम उठाया गया है.

बालवाटिकाओं में सभी आवश्यक सुविधाएं

यूपी सरकार द्वारा जारी विज्ञप्ति में इस अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनिधि, अधिकारी और अभिभावकों को शामिल होने को कहा गया है. इस दौरान कार्यक्रमों में बालवाटिका के महत्व, प्रारंभिक शिक्षा के लाभ और सरकार की योजनाओं पर भी प्रकाश डाला जाएगा. यह कदम से आने वाली पीढ़ी को बेहतर शिक्षा मिल सकेगी.

इसमें कहा गया है कि जीवन के पहले आठ वर्ष बच्चों के मस्तिष्क विकास और सीखने की क्षमता के लिए निर्णायक होते हैं. यह बालवाटिकाएं बच्चों को भाषा, संज्ञानात्मक, सामाजिक और रचनात्मक कौशल में सक्षम बनाएंगी. इन बालवाटिकाओं में लर्निंग कॉर्नर, आउटडोर खेल सामग्री, बाल-हितैषी फर्नीचर एवं स्टेशनरी जैसी सभी आवश्यक सुविधाएं हैं.

शिक्षकों को दिया गया है विशेष प्रशिक्षण

महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने कहा कि ECCE शिक्षक, शिक्षामित्र एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है. ताकि 3 से 6 वर्ष के बच्चों को ‘स्कूल रेडी’ बनाया जा सके और उनके पोषण पर पूरा ध्यान रखा जा सके. कम नामांकन वाले स्कूलों के पेयरिंग के बाद इन भवनों को रंगाई-पुताई के साथ बच्चों के लिए बेहतर बनाया गया है.