राजस्व मामलों के निपटारे में देरी न हो इसलिए अब नायब तहसीलदार बनेंगे तहसीलदार!
राजस्व के मामलों के राज्य में एक करोड़ से ज्यादा मामले पेंडिंग हैं. ऐसे में इनके निपटारे के बोझ को कम करने के लिए यूपी में नायब तहसीलदारों को तहसीलदार बनाया जाएगा. इसके लिए उत्तर प्रदेश राजस्व सचिव की ओर से निर्देश जारी कर दिए गए हैं.

उत्तर प्रदेश में राजस्व वादों के निपटारे को गति देने के लिए योगी सरकार ने एक अहम कदम उठाया है. प्रदेश में तहसीलदारों के 422 रिक्त पदों को देखते हुए नायब तहसीलदारों को तहसीलदार का प्रभार सौंपने का फैसला लिया गया है. इस फैसले के तहत नायब तहसीलदारों को राजस्व वादों के निपटारे की जिम्मेदारी दी जाएगी, ताकि लंबित मामलों का बोझ कम किया जा सके.
1.17 करोड़ राजस्व वाद लंबित
उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद के सचिव, आईएएस अधिकारी एस.पी.एस. रंगाराव ने सभी कमिश्नरों और जिलाधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं. प्रदेश में मौजूदा समय में 1 करोड़ 17 लाख राजस्व मामले विचाराधीन हैं, जिनके निपटारे में देरी से आम जनता को परेशानी हो रही है. इन मामलों में मुख्य रूप से जमीन से संबंधित विवाद, म्यूटेशन, और अन्य राजस्व-संबंधी मुद्दे शामिल हैं.
तहसीलदारों की कमी बनी चुनौती
प्रदेश में तहसीलदारों के कुल 766 स्वीकृत पद हैं, लेकिन वर्तमान में केवल 328 तहसीलदार ही तैनात हैं. इसके अलावा, 16 तहसीलदार अन्य विभागों में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत हैं, जिससे राजस्व प्रशासन में कर्मचारियों की कमी और गंभीर हो गई है. इस कमी को दूर करने के लिए नायब तहसीलदारों को तहसीलदार का अतिरिक्त प्रभार सौंपा जाएगा. नायब तहसीलदार, जो राजस्व प्रशासन में सहायक कलेक्टर ग्रेड-II के रूप में कार्य करते हैं, अब तहसीलदार के रूप में सहायक कलेक्टर ग्रेड-I की शक्तियों का उपयोग करेंगे, खासकर विभाजन मामलों में.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में प्रशासनिक लापरवाही के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है. राजस्व वादों के निपटारे में देरी को गंभीरता से लेते हुए उन्होंने अधिकारियों को समयबद्ध कार्ययोजना के साथ काम करने के निर्देश दिए हैं. राजस्व परिषद के सचिव एस.पी.एस. रंगाराव ने कमिश्नरों और जिलाधिकारियों से कहा है कि नायब तहसीलदारों को प्रभार सौंपकर लंबित मामलों का तेजी से निपटारा सुनिश्चित किया जाए.
यह फैसला न केवल राजस्व वादों के निपटारे में तेजी लाएगा, बल्कि नायब तहसीलदारों को भी अपने कौशल और जिम्मेदारी का प्रदर्शन करने का अवसर देगा. विशेषज्ञों का मानना है कि इससे राजस्व प्रशासन में पारदर्शिता बढ़ेगी और आम जनता को राहत मिलेगी. नायब तहसीलदारों को तहसीलदार का प्रभार देने से पहले उनकी क्षमता और प्रशिक्षण की भी समीक्षा की जाएगी, ताकि कार्य की गुणवत्ता बनी रहे.
राजस्व प्रशासन में नायब तहसीलदारों की भूमिका
नायब तहसीलदार राजस्व प्रशासन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. वे तहसीलदारों के अधीन काम करते हैं और भूमि रिकॉर्ड के रखरखाव, राजस्व संग्रह, और फील्ड-स्तरीय गतिविधियों में सहयोग करते हैं. अब तहसीलदार के प्रभार के साथ, उनकी जिम्मेदारियां और बढ़ जाएंगी. तहसीलदारों का मुख्य कार्य भूमि राजस्व संग्रह, भूमि रिकॉर्ड का रखरखाव, और राजस्व मामलों का निपटारा करना है.
उत्तर प्रदेश में राजस्व वादों की पारदर्शिता के लिए राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) द्वारा विकसित राजस्व न्यायालय कम्प्यूटरीकृत प्रबंधन प्रणाली (Revenue Court Computerized Management System) का उपयोग किया जा रहा है. इस वेब पोर्टल के माध्यम से नायब तहसीलदार से लेकर जिलाधिकारी स्तर तक के 29 न्यायालयों में मामले की स्थिति, अगली सुनवाई की तारीख और दूसरी जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध है.
योगी सरकार का यह कदम राजस्व प्रशासन को सुदृढ़ करने और जनता की शिकायतों के तुरंत निपटारे की दिशा में एक अहम पहल है. नायब तहसीलदारों को तहसीलदार का प्रभार सौंपने से न केवल रिक्तियों की समस्या का समाधान होगा, बल्कि राजस्व के लंबित मामलों को निरकारण होगा.