आखिर क्यों बंद हो गईं 492 औद्योगिक इकाइयां? सरकार ने नोएडा अथॉरिटी से मांगा जवाब

पिछले कुछ सालों नोएडा में कई औद्योगिक इकाइयां धीरे-धीरे बंद होती चली गईं. हाल ही में शासन ने इसके निरीक्षण के लिए एक एजेंसी नियुक्त किया था. अब इस एजेंसी की रिपोर्ट आ गई है. एजेंसी के मुताबिक नोएडा में 492 औद्योगिक इकाइयां या तो पूरी तरह बंद हो चुकी हैं या फिर अब सक्रिय नहीं हैं.

नोएडा इंडस्ट्रियल यूनिट्स ( प्रतीकात्मक तस्वीर)

नोएडा में लगातार औद्योगिक कंपनियों के बंद होने का मामला अब शासन स्तर तक पहुंच गया है. शासन स्तर पर कराई गई जांच में सामने यह आया है कि नोएडा में अलग अलग औधोगिक क्षेत्रो में 492 औद्योगिक इकाइयां या तो पूरी तरह बंद हो चुकी हैं या फिर अब सक्रिय नहीं हैं. इस खुलासे के बाद शासन ने नोएडा प्राधिकरण से पूरे मामले पर जवाब तलब किया है.

जांच रिपोर्ट के अनुसार,बीते कुछ वर्षों में नोएडा में कई औद्योगिक इकाइयां धीरे-धीरे बंद होती चली गईं. शासन ने नियुक्त एक एजेंसी ने जब मौके पर जाकर निरीक्षण किया, तो पाया गया कि जिन इकाइयों को औद्योगिक भूखंड आवंटित किए गए थे, वे कई स्थानों पर संचालित ही नहीं हो रही थीं.

जांच रिपोर्ट में खुलासे के बाद प्राधिकरण से मांगा जवाब

एजेंसी की रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से बताया गया कि 492 औद्योगिक कंपनियां बंद पाई गईं. इस मामले को लेकर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि वे अपने स्तर से अब दोबारा जांच कराएंगे. खास बात यह है कि इससे पहले प्राधिकरण की ओर से यह दावा किया जाता रहा था कि अधिकांश औद्योगिक इकाइयां संचालित हैं. लेकिन शासन की जांच में यह दावा सही नहीं पाया गया.

तीन औद्योगिक क्षेत्रों में है करीब 11 हजार संचालित इकाइयां

नोएडा प्राधिकरण के अंतर्गत शहर के संचालित अलग-अलग हिस्सों में करीब 11 हजार औद्योगिक प्लॉट आवंटित हैं. इनमें फेज-1, फेज-2, फेज-3, होजरी कॉम्प्लेक्स,एनएसईजेड समेत अन्य औद्योगिक क्षेत्र शामिल हैं. जांच में सामने आया है कि इन क्षेत्रों में कई इकाइयां लंबे समय से बंद पड़ी हैं.

492 औद्योगिक इकाइयां गैर-क्रियाशील

इस पूरे मामले को लेकर नोएडा प्राधिकरण में एक अहम बैठक भी हुई. बैठक में शासन द्वारा कराई गई जांच रिपोर्ट को अधिकारियों के सामने रखा गया और औद्योगिक विकास विभाग के अधिकारियों से जवाब मांगा गया. नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ सतीश पाल ने बताया कि शासन स्तर पर हुई जांच में जिन 492 औद्योगिक इकाइयों को गैर-क्रियाशील पाया गया है, उनकी अब दोबारा विस्तार से जांच कराई जाएगी. इसके बाद एक नई रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजी जाएगी.

क्यों संचालित नहीं हैं ये 492 इकाइयां

सूत्रों की माने तो नोएडा को औद्योगिक इकाइयों का हार मान जाता है यहां पर कई बड़ी कंपनियां कई सालों से संचालित है. अब ऐसे में इन छोटी-छोटी इकाइयों के संचालन न होने के कुछ मुख्य कारण हो सकते हैं. बिजली रेट, श्रमिक लागत कच्चे माल की कीमत कुछ मार्केट में माल की मांग की गिरावट या फिर नोएडा में रियल स्टेट में भारी उछाल के बाद जमीन का किराया महंगा होना भी इसके पीछे मुख्य वजह हो सकते हैं.