नोएडा के 4 लाख गाड़ियों की दिल्ली में क्यों नहीं हो पाएगी एंट्री?

दिल्ली में BS-6 से नीचे के वाहनों की एंट्री पर बैन से नोएडा के तकरीबन 4 लाख वाहन प्रभावित होंगे. ग्रैप-4 नियम लागू रहने तक इन गाड़ियों को देश की राजधानी में एंट्री बैन रहेगी. दिल्ली सरकार के इस फैसले से नौकरीपेशा और व्यापार करने वाले लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है.

दिल्ली में BS-6 से नीचे के वाहनों की एंट्री बैन

दिल्ली में पॉल्यूशन की स्थिति बेहद गंभीर रूख अख्तियार कर चुकी है. एक्यूआई इंडेक्स में लगातार इजाफा देखा जा रहा है. अब इसको लेकर दिल्ली सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. राजधानी में अब BS-6 मानक से नीचे के वाहनों की एंट्री पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है. दिल्ली सरकार के इस फैसले का असर नोएडा के लाखों वाहन चालकों पर पड़ने वाला है. दरअसल, बड़ी संख्या में लोग रोजाना नोएडा से दिल्ली अपने निजी वाहनों से आते-जाते हैं.

परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार नोएडा में चार लाख से अधिक ऐसे वाहन हैं जो BS-3 और BS-4 श्रेणी में आते हैं. 18 दिसंबर से लागू हुए इस नियम के बाद ऐसे सभी वाहनों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा रही है. केवल BS-6 मानक वाले पेट्रोल और डीजल वाहन ही दिल्ली बॉर्डर पार कर सकेंगे.

नोएडा में कितने वाहन होंगे प्रभावित

परिवहन विभाग के मुताबिक नोएडा में लगभग 96 हजार BS-3 पेट्रोल वाहन, 41 हजार BS-3 डीजल वाहन, 2.41 लाख BS-4 पेट्रोल वाहन और करीब 41 हजार BS-4 डीजल वाहन रजिस्टर्ड हैं. ये सभी वाहन अब दिल्ली जाने में सक्षम नहीं रहेंगे. ऐसे में इन वाहनों से रोजाना सफर करने वाले लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर कड़ी जांच

दिल्ली-नोएडा के सभी प्रमुख बॉर्डर प्वाइंट्स पर ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग की टीमें तैनात कर दी गई हैं. वाहनों के बीएस मानक,प्रदूषण प्रमाणपत्र और दस्तावेजों की सख्ती से जांच की जा रही है. नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों को बॉर्डर से ही वापस भेजा जा रहा है और कुछ मामलों में जुर्माना भी लगाया जा रहा है.

नौकरीपेशा और व्यापारियों की बढ़ी परेशानी

इस फैसले से सबसे ज्यादा असर उन लोगों पर पड़ा है, जो रोजाना नोएडा से दिल्ली नौकरी या व्यापार के लिए जाते हैं. कई लोगों के पास अभी भी BS-4 वाहन हैं, जिन्हें अचानक बदल पाना संभव नहीं है. ऐसे में मेट्रो और बसों पर यात्रियों का दबाव बढ़ने की आशंका जताई जा रही है.

प्रदूषण नियंत्रण सरकार की प्राथमिकता

दिल्ली सरकार का कहना है कि यह फैसला GRAP-4 के तहत लिया गया है. उद्देश्य दिल्ली-एनसीआर में जहरीली होती हवा को नियंत्रित करना है. सरकार का मानना है कि पुराने वाहनों पर रोक लगाकर प्रदूषण के स्तर में कमी लाई जा सकती है.

टेक्सी और ओला उबेर कैब वालो की बल्ले-बल्ले

दिल्ली एनसीआर में ग्रेप-4 लागू होने के बाद टैक्सी ओला उबेर कैब चालकों की बल्ले बल्ले है क्योंकि अधिकतर इलेक्ट्रिक वाहन और सीएनजी वहांन ही इस्तेमाल किए जाते हैं ऐसे में नोएडा से दिल्ली जाने वाले रोजमर्रा के यात्री ओला उबेर टेक्सियों पर निर्भर हो गए हैं.

नोएडा प्रशासन की अपील

नोएडा प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे,अधिक से अधिक मेट्रो और सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें, कार पूलिंग अपनाएं और अनावश्यक वाहन चलाने से बचें. प्रशासन का कहना है कि यह कदम लोगों की सेहत और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए जरूरी है भले ही इससे कुछ समय के लिए असुविधा हो.