नोएडा एयरपोर्ट के पास प्लॉट के नाम पर धोखा! सस्ते के नाम पर ऐसे बेवकूफ बना रहे हैं बिल्डर
नोएडा के जेवर एयरपोर्ट के पास सस्ते प्लॉट के नाम पर बड़ा धोखा हो रहा है. बिल्डर सोशल मीडिया और सेल्समैन के ज़रिये लोगों को झांसे में फंसाकर नकली नक्शे दिखाकर जमीन बेच रहे हैं. दावा करते हैं कि ये जमीन नोटिफाइड एरिया से बाहर है. फिर सौदेबाजी करते हुए 40% भुगतान पर चारदीवारी और 60 फीसदी भुगतान पर रजिस्ट्री कराने का झांसा देते हैं. रियल एस्टेट विशेषज्ञों ने ऐसी स्थिति में सावधानी बरतने की सलाह दी है.

यमुना एक्सप्रेस वे पर जेवर एयरपोर्ट के आसपास हाथों में तख्ती लेकर खड़े सेल्समैन आपने खूब देखे होंगे. ये सेल्समैन दावा करते मिलेंगे कि नोएडा एयरपोर्ट के जल्द ही एक भव्य टाउनशिप बनने वाली है. शानदार सड़कें, अत्याधुनिक सुविधाएं और एयरपोर्ट से कनेक्टिविटी का दावा करेंगे, साथ में यह भी बताएंगे कि यहां निवेश करने का इससे अच्छा अवसर नहीं हो सकता. इसी तरह के झांसे वाले उनके विज्ञापन वॉट्सऐप, फेसबुक आदि पर भी खूब तैर रहे हैं. इन्हें देखने के बाद लोग बड़ी आसानी से इनके चंगुल में फंस जा रहे हैं.
एक रिपोर्ट के मुताबिक एयरपोर्ट का काम शुरू होने के बाद से ही झांसा देकर लोगों से ठगी करने वाले कई ग्रुप्स यहां एक्टिव हो चुके हैं. लोगों को जाल में फंसाने का तौर तरीका इन सभी ग्रुपों का लगभग एक जैसा है. घर खरीदने वालों से यह खुद संपर्क करते हैं और उन्हें झांसा देकर साइट पर बुलाते हैं. फिर उन्हें नक्शे में प्लॉट दिखाकर सौदेबाजी करते हैं. बाद में पता चलता है कि जो नक्शा इन जालसाजों ने दिखाया, वास्तव में ये उनकी जमीन का है ही नहीं.
ऐसे करते हैं ठगी
आमतौर पर सोशल मीडिया के जरिए ये जालसाज लोगों को जेवर एयरपोर्ट के पास बुलाते हैं. फिर यहां वह अपनी गाड़ी में बैठाकर साइट पर ले जाते हैं. जहां नकली नक्शे दिखाकर उन्हें भरोसा दिया जाता है कि यह जमीन यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) के नोटिफाइड एरिया के बाहर है. इसके बाद जमीन का भाव-ताव किया जाता है. प्रापर्टी की कीमत 16,000 रुपये से 18,000 रुपये प्रति गज तक बताई जाती है. ऑफर देते हैं कि महज तय राशि का 40 फीसदी भुगतान कर अपने प्लॉट की चारदीवारी करा सकते हैं. वहीं 60 फीसदी राशि जमा होने के बाद रजिस्ट्री कराई जा सकती है. इसी प्रकार बाकी की 40 रकम “इन-हाउस फाइनेंस” के नाम पर एक साल के अंदर किश्तों में चुकाने का भी मौका देते हैं.
सोच समझकर करें सौदा
रियल एस्टेट के जानकारों के मुताबिक ये जालसाज आमतौर पर जिस जमीन का नक्शा दिखाते हैं वह अलीगढ़ ज़िले की खैर तहसील में आती हैं. हालांकि इन्हें एयरपोर्ट की चकाचौंध दिखाकर नकली दस्तावेजों के सहारे बेच दिया जाता है. जानकारों के मुताबिक ये जालसाज अपने साथ विभिन्न टाउनशिप का ब्रोशर भी दिखाते हैं. हालांकि इसमें जिस प्रापर्टी का सौदा किया जाता है, उसका उल्लेखन नहीं मिलता. बावजूद इसके, इतने आत्मविश्वास के साथ ग्राहकों को जानकारी दी जाती है कि लोग उसे सही मान लेते हैं. ऐसी स्थिति में रियल एस्टेट के जानकारों ने एयरपोर्ट के पास निवेश करने वालों को सावधान हो जाने की सलाह दी है.
अच्छे भविष्य का भी देते हैं झांसा
इन डवलपर्स के झांसे में आए एक प्लॉट खरीदार ने अपना दर्द शेयर किया है. बताया कि उसे इन सेल्समैन ने पहले कथित टाउनशिप का छोटा एरिया दिखाया था. बताया था कि यह टाउनशिप 200 बीघे की है, लेकिन जमीन का बिस्तार फसल कटने के बाद होगा. उनके झांसे में आकर खरीदार ने 40 फीसदी राशि जमा भी कर दी, लेकिन आज तक इन डवलपर ने उनकी जमीन की बाउंड्री नहीं कराई है. कहा कि उस समय तो दावा किया गया था कि इस जमीन की रजिस्ट्री भी कराई जा सकती है, लेकिन अब यह जमीन उत्तर प्रदेश सरकार के भूलेख पोर्टल पर ही नहीं है.