आम्रपाली प्रोजेक्ट्स में रजिस्ट्री प्रक्रिया ने पकड़ी रफ्तार, एक दिन में 236 परिवारों को मिला घर का मालिकाना हक
आम्रपाली परियोजनाओं के हजारों खरीदारों को बड़ी राहत मिली है. नोएडा में आयोजित विशेष शिविर में एक ही दिन में 236 घरों की रजिस्ट्री पूरी हुई, जिससे इतने परिवारों को अपने घर का कानूनी हक मिल गया. यह प्रक्रिया कई सालों से अटकी हुई थी.
कई सालों से अपने घर की रजिस्ट्री का इंतजार कर रहे आम्रपाली परियोजनाओं के हजारों खरीदारों के लिए रविवार का दिन उम्मीद और राहत लेकर आया. उप-निबंधन कार्यालय में आयोजित हुए विशेष शिविर में एक ही दिन में 236 रजिस्ट्री पूरी की गईं, जिसके साथ ही इतने ही परिवारों को अपने घर का कानूनी अधिकार मिल गया. इस शिविर से विभाग को 11.46 करोड़ रुपये का राजस्व भी प्राप्त हुआ.
निरीक्षण करने के लिए महानिरीक्षक प्रबंधन आईएएस नेहा शर्मा स्वयं मौके पर पहुंचीं. उन्होंने शिविर का उद्घाटन किया सभी काउंटरों और अभिलेखागार का निरीक्षण किया रजिस्ट्री कराने आए लोगों से बातचीत कर उनकी समस्याएं और अनुभव सुने. साथ ही व्यवस्था पर संतोष जताते हुए कहा कि ऐसे विशेष शिविर आगे भी नियमित रूप से लगाए जाएंगे.
अम्रपाली प्रोजेक्ट आखिर कब से अटका था?
अम्रपाली समूह के प्रोजेक्ट्स की मुश्किलें 2015–2016 के बीच तब शुरू हुईं जब निर्माण कार्य अचानक धीमा पड़ गया. फंड डायवर्जन और वित्तीय अनियमितताओं की शिकायतें बढ़ीं और हजारों खरीदार फ्लैट लेकर भी घर के कानूनी अधिकार (रजिस्ट्री) से वंचित रह गए. फिर 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने NBCC को निर्माण पूरा करने की जिम्मेदारी सौंपी.
इसके बाद धीरे-धीरे प्रोजेक्ट्स आगे बढ़ने लगे. लेकिन रजिस्ट्री अभी भी फंसी हुई थी. क्योंकि बिल्डर की संपत्ति अटैच थी, दस्तावेज़ों के सत्यापन में समय लग रहा था. अधिकारियों को खरीदार डेटा अपडेट करने में देरी हो रही थी. इसी वजह से हजारों खरीदार अपने तैयार फ्लैट में रहने के बावजूद कानूनी तौर पर मालिक नहीं बन पा रहे थे.
खरीदारों में खुशी, मिला घर का कानूनी हक
पीड़ित परिवारों को रजिस्ट्री मिलने के बाद उनके चेहरे पर मुस्कान लौट आई. क्योंकी सालों से फ्लैट में रह रहे थे, पर मालिकाना हक नहीं था. इस मौके पर मुख्य अधिकारी IG प्रबंधन नेहा शर्मा, उप महानिरीक्षक निबंधन अरुण मिश्रा, AGM (I) अरुण शर्मा, AGM (II) बृजेश कुमार और सब-रजिस्ट्रार यशवंत कुमार सिंह मौजूद रहें.
