क्या नोएडा से भंग हो रहा उद्योगपतियों का मोह? 8 महीने में बंद हो गई 2254 कंपनियां, GST जांच में बड़ा खुलासा
नोएडा में बीते 8 महीनों में 2254 कंपनियों ने अपना कारोबार समेट लिया है. जीएसटी विभाग की जांच में कई फर्जी और निष्क्रिय कंपनियां सामने आईं, जबकि अन्य ने रिटर्न दाखिल नहीं किया था. हालांकि, इसी अवधि में 22,294 नई कंपनियां भी पंजीकृत हुई हैं. जीएसटी विभाग फर्जी कंपनियों और टैक्स चोरी पर कड़ी निगरानी रख रहा है ताकि व्यापारिक माहौल को पारदर्शी बनाया जा सके.
एक तरफ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ देश और दुनिया के उद्यमियों को यहां यूनिट लगाने और कारोबार करने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं. इसके लिए सरकार तरह तरह से उन्हें रिझाने की कोशिश कर रही है, वहीं दूसरी ओर, यहां के उद्यमी पहले से बसा बसाया कारोबार भी यहां से समेटने लगे हैं. यदि राज्य जीएसटी विभाग के आंकड़ों को सही मानें तो यही सच्चाई है. जीएसटी विभाग ने दावा किया है कि बीते 8 महीनों में ही नोएडा से 2254 कंपनियों ने अपना कारोबार समेट लिया है.
हालांकि जीएसटी विभाग की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि इनमें से कई कंपनियां सिर्फ कागजों पर संचालित हो रही थीं. वहीं कई अन्य कंपनियां काफी समय से जीएसटी रिटर्न दाखिल नहीं कर रहीं थी. राज्य जीएसटी विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जिले में करीब 1.25 लाख कंपनियों का जीएसटी विभाग में रजिस्ट्रेशन है. इनमें ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़ा, मशीनरी, सेवा क्षेत्र और मोबाइल सेक्टर से जुड़ी कंपनियां शामिल हैं. ये सभी कंपनियां राज्य और केंद्र दोनों तरह के जीएसटी ढांचे में पंजीकृत हैं.
22 हजार आईं नई कंपनियां
जीएसटी विभाग के अनुसार इस बीच काफी नई कंपनियों ने भी अपना रजिस्ट्रेशन कराया है. इस वित्तीय वर्ष यानी अप्रैल 2025 से 28 दिसंबर 2025 तक कुल 22,294 नई कंपनियों का जीएसटी में पंजीकरण किया गया है. इनमें से 11,474 कंपनियां राज्य जीएसटी और 10,820 कंपनियां केंद्रीय जीएसटी के तहत रजिस्टर्ड हुईं हैं. इनमें से इस समय गौतमबुद्ध नगर जिले में कुल 20,040 कंपनियां सक्रिय बताई जा रही हैं. जांच में पता चला है कि जिन कंपनियों का पंजीकरण रद्द या बंद किया गया, उनमें से कई ने लगातार शून्य जीएसटी रिटर्न दाखिल किए है. इसके अलावा कई कंपनियों में कारोबार पूरी तरह बंद पाया गया है.
बड़ी संख्या में मिली फर्जी कंपनियां
जीएसटी अधिकारियों के मुताबिक कुछ मामलों में कंपनियां सिर्फ फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रजिस्टर्ड पायी गई हैं. दस्तावेजों में कमी, गलत पैन विवरण, गलत व्यापार श्रेणी का चयन, अधूरे कागजात और ओटीपी के जरिए सत्यापन न होने की वजह से भी पंजीकरण रद्द किए गए हैं. कई मामलों में दिए गए पते गलत पाए गए हैं. इससे जांच में कंपनियों का कोई वास्तविक अस्तित्व नहीं मिला है. अपर आयुक्त राज्यकर संदीप भागिया के मुताबिक नई पंजीकृत कंपनियों में से लगभग 10 प्रतिशत कंपनियों का जीएसटी पंजीकरण समाप्त किया गया है.
फर्जी कंपनियों पर हो रही निगरानी
अपर राज्यकर आयुक्त के मुताबिक विभाग लगातार फर्जी कंपनियों पर नजर रखे हुए है, ताकि टैक्स चोरी और फर्जी कंपनियों पर लगाम लगाई जा सके. जीएसटी पंजीकरण के लिए कोई भी व्यक्ति www.gst.gov.in पोर्टल पर आवेदन कर सकता है. आवेदन के दौरान व्यवसाय, राज्य, ईमेल, मोबाइल नंबर और पैन कार्ड का विवरण देना जरूरी होता है. आवेदन की स्थिति भी पोर्टल पर ट्रैक की जा सकती है. किसी भी समस्या की स्थिति में सेक्टर-148 स्थित जीएसटी कार्यालय से संपर्क किया जा सकता है.
