जेवर एयरपोर्ट से सीधे जा सकेंगे कानपुर-आगरा, जानिए कितने एक्सप्रेस-वे होंगे डायरेक्ट कनेक्ट?
जेवर एयरपोर्ट को देश के 5 बड़े एक्सप्रेस वे से जोड़ने की तैयारी चल रही है. ऐसा करने से जेवर एयरपोर्ट तक दिल्ली-एनसीआर ही नहीं बल्कि उससे सटे पश्चिमी यूपी, हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश के कई जिलों की कनेक्टिविटी आसान हो जाएगी.
एशिया के सबसे बड़े एयरपोर्ट में शामिल होने जा रहे नोएडा इंटरनेशनल हवाई अड्डा जेवर को मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी देने के लिए यमुना विकास प्राधिकरण (YEIDA) व्यापक स्तर पर तैयारियों में जुटा है. एयरपोर्ट को सीधे और कई राष्ट्रीय और राज्य एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा.
ऐसा करने से जेवर एयरपोर्ट की दिल्ली-एनसीआर ही नहीं बल्कि पश्चिमी यूपी, हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश तक की कनेक्टिविटी बेहतर हो सकेगी. इसे कई राष्ट्रीय एक्सप्रेसवे के साथ साथ प्रमुख सड़कों, रेल और भविष्य की मेट्रो लाइनों से जोड़ा जाएगा. इससे यह एयरपोर्ट केवल हवाई अड्डा नहीं बल्कि उत्तर भारत का सबसे बड़ा ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक्स हब बन जाएगा. आइए जानते हैं कि किन प्रमुख एक्सप्रेसवे से सीधे जुड़ेगा जेवर एयरपोर्ट
यमुना एक्सप्रेसवे (ग्रेटर नोएडा–आगरा)
ये एक्सप्रेस वे एयरपोर्ट की मुख्य लाइफलाइन है. इसमें नोएडा, ग्रेटर नोएडा और आगरा से सीधी कनेक्टिविटी एयरपोर्ट के लिए है. यमुना एक्सप्रेस वे के पास के जिले से अगर कोई एयरपोर्ट पहुंचना चाहेगा तो वह आसानी से बिना जाम के यहां पहुंच सकेगा. इसके अलावा यात्री यहां से कानपुर और लखनऊ तक आसानी से जा सकेंगे.
ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे
गाजियाबाद, सोनीपत, पलवल और हरियाणा के इलाकों से एयरपोर्ट के लिए आने वाले लोग इस्टर्न पेरिफेल एक्सप्रेस वे का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके चलते उन्हें बिना किसी जाम में फंसे वह सीधे एयरपोर्ट पहुंचने में आसानी होगी. यमुना एक्सप्रेसवे के बाद इस्टर्न पेरिफेल एक्सप्रेस वे इस एयरपोर्ट की सबसे बड़ी लाइफ लाइन बनेगी.
फरीदाबाद–जेवर एक्सप्रेसवे (प्रस्तावित)
ये एक्सप्रेस वे हरियाणा और दक्षिण दिल्ली को जेवर एयरपोर्ट से जोड़ेगा. इससे दिल्ली के ट्रैफिक से बचते हुए एयरपोर्ट तक सीधा रास्ता यात्रियों और लॉजिस्टिक्स के लिए अहम कॉरिडोर साबित होगा. इस एक्सप्रेस वे के बनते ही नोएडा और फरीदाबाद की दूरी बेह कम समय में तय की जा सकेगी.
दिल्ली–मुंबई एक्सप्रेसवे (कनेक्टिंग लिंक के जरिए)
ये एक्सप्रेस वे राजस्थान और मध्य भारत से हाई-स्पीड कनेक्टिविटी के लिए सबसे बड़ा एक्सप्रेस वे में शामिल होगा. इससे कार्गो और लॉन्ग-डिस्टेंस ट्रैवल को बड़ा फायदा मिलेगा. इस एक्सप्रेस वे के चलते जेवर एयरपोर्ट से राजस्थान और मध्य प्रदेश के कई इलाकों की कनेक्टिविटी आसान हो जाएगी.
गंगा एक्सप्रेसवे (प्रस्तावित कनेक्टिविटी)
यमुना प्राधिकरण जल्द ही यमुना और गंगा एक्सप्रेसवे को जोड़ने की तैयारी में है. पश्चिमी यूपी के जिलों से जेवर तक बेहद जल्दी पहुंच जाएंगे. इसे जोड़ने के लिए 74 किलोमीटर का लिंक रोड बनाने की तैयारी है. इसके लिए यमुना प्राधिकरण 740 एकड़ जमीन के अधिग्रहण की तैयारी शुरू कर चुका है.
प्राधिकरण के एसीईओ ने बताया कि यमुना प्राधिकरण जेवर एयरपोर्ट के चारों ओर 6 लेन और 8 लेन की एक्सेस रोड,130 मीटर चौड़ी मास्टर रोड, सर्विस रोड, अंडरपास और फ्लाईओवर विकसित कर रही है. एयरपोर्ट के चारों ओर बनने वाले औद्योगिक, आवासीय और कमर्शियल सेक्टरों को भी इन सड़कों से जोड़ा जाएगा.
रेल और मेट्रो कनेक्टिविटी
यमुना प्राधिकरण के एसीईओ ने बताया जेवर एयरपोर्ट को भविष्य में दिल्ली–अलीगढ़ रेलवे लाइन, दिल्ली–वाराणसी हाई-स्पीड रेल कॉरिडोरऔर प्रस्तावित मेट्रो रूट से जोड़ने की योजना है, ताकि दिल्ली और एनसीआर से एयरपोर्ट तक पहुंच और तेज़ हो सके. इसके साथ ही लॉजिस्टिक्स और कार्गो हब की तैयारी भी शुरू है. एयरपोर्ट के आसपास मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क विकसित किए जाएंगे, जहां वेयरहाउसिंग, कोल्ड स्टोरेज, एयर कार्गो टर्मिनल और ट्रांसपोर्ट हब बनाए जाएंगे. इससे जेवर एयरपोर्ट को उत्तर भारत का सबसे बड़ा कार्गो गेटवे बनाने की तैयारी है.
डिजिटल और यात्री सुविधाएं
यात्रियों के लिए,रियल-टाइम ट्रैफिक जानकारी,डिजिटल साइन बोर्ड,बस,कैब और निजी वाहन इंटीग्रेशन,स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया जाएगा, जिससे एयरपोर्ट तक पहुंच आसान और सुरक्षित हो. अधिकारियों के मुताबिक, इस पूरी योजना का मकसद जेवर एयरपोर्ट को दिल्ली-एनसीआर के साथ-साथ देश के बड़े राज्यों से सीधे जोड़ना है. इससे न सिर्फ यात्रियों को सुविधा मिलेगी, बल्कि निवेश, रोजगार और औद्योगिक विकास को भी तेज़ रफ्तार मिलेगी.
