जलती बसों से खुरचकर निकाले शव, अब DNA टेस्ट से होगी पहचान; यमुना एक्सप्रेसवे पर रूह कंपाने वाला मंजर
मथुरा में यमुना एक्सप्रेसवे पर हुए भीषण बस हादसे में 13 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि 79 घायल हुए. कई बसें आग की लपटों में जलकर खाक हो गईं, वहीं इन बसों में सवार कई लोग जलकर मर गए. इनमें से कुछ लोगों के शव खुरचकर निकालने पड़े हैं. अब डीएनए टेस्ट के जरिए मृतकों की पहचान की जाएगी. यह मंजर बेहद रूह कंपाने वाला था.
सुबह के साढ़े चार बजे थे. मथुरा में बलदेव थाना क्षेत्र में यमुना एक्सप्रेसवे के आसपास के गांवों में लोग अभी सोए ही थे कि जोर का धमाका हुआ. लगा कहीं बमबारी हुई है. लोग उठे और समझने की कोशिश कर ही रहे थे एक्सप्रेसवे पर लपटें उठने लगी. इसे देखते ही लोगों को माजरा समझ में आ गया. इतने में तीन चार बार और आवाजें आईं. आसपास के लोग भागकर मौके पर पहुंचे. उस समय तक सात स्लीपर बसें और तीन छोटी गाड़ियां आपस में बुरी तरह से टकरा चुकी थीं.
एक बस में आग लगी थी. यही आग बढ़कर बाकी गाड़ियों को भी अपनी चपेट में ले चुकी थी. मौके पर पहुंचे एक चश्मदीद के मुताबिक लोग जान बचाने के लिए बसों की टूटी खिड़िकियों से कूदते नजर आए. वहीं कुछ लोग सीटों के बीच दबे होने पर निकलने के लिए मशक्कत कर रहे थे. वहां मौजूद लोग तुरंत उन्हें बचाना तो चाहते थे, लेकिन आग की लपटों की वजह से बसों में घुसना मुश्किल था. इतने में मौके पर पहुंची पुलिस, एक्सप्रेसवे के एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड ने राहत कार्य शुरू किया.

13 की मौत, 79 जख्मी
कुछ देर में आग बुझाने के बाद राहत टीम बसों में घुसी और बड़ी मुश्किल से शवों को बाहर निकाला. कई शव तो इस तरह से फंसे थे और आग की लपटों में जलने की वजह से सीटों में चिपक गए थे. इन्हें खुरचकर बाहर निकाला गया. इस हादसे में 11 लोगों की मौके पर ही जिंदा जलकर मौत हो गई. वहीं 20 से अधिक एंबुलेंस से करीब 150 लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया. थोड़ी ही देर बाद डीएम मथुरा ने 13 लोगों की मौत और 79 लोगों के गंभीर रूप से घायल होने की पुष्टि की. वहीं 50 से अधिक लोग प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज किए गए. पुलिस के मुताबिक 79 घायलों में 36 को मथुरा के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहीं, 43 घायल यात्री वृंदावन के जिला संयुक्त अस्पताल में भर्ती हैं.
दिखा रूह कंपाने वाला मंजर
घटना के बाद का मंजर रूह कंपाने वाला था. एक तरफ गाड़ियों से लपटें उठ रही थीं. इन गाड़ियों में फंसे लोग चीख पुकार कर रहे थे. इन्हीं में से कुछ लोग जान बचाने के लिए खिड़कियों से कूद रहे थे तो इन्हीं में से कुछ लोग रोते बिलखते अपनों को खोज रहे थे. यह खौफनाक मंजर राहत एवं बचाव कार्य पूरा होने तक लगातार बना रहा. आग बुझाने के बाद टीम बड़ी मुश्किल से बसों में घुसी. वहां बसों की सीटें आपस में चिपक गई थीं और इन सीटों में लोग फंसे थे. पता चला कि इनकी मौत हो चुकी है और आग में इनके शव गलकर सीटों से चिपक गए हैं.

शवों का होगा डीएनए टेस्ट
पुलिस एवं राहत दस्ते के कर्मियों ने बड़ी मुश्किल से खुरचकर शवों को निकाला. चूंकि इन शवों की पहचान नहीं हो पा रही थी, ऐसे में अब इन शवों का डीएनए टेस्ट कराने के लिए सैंपल लिया गया है. इसी क्रम में बस मालिकों से इनमें सवार सभी लोगों की डिटेल भी मांगी गई है. अधिकारियों के मुताबिक बड़ी संख्या में घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद सरकारी वाहनों से उनके घर या गंतव्य तक पहुंचाया गया है.
एक्सप्रेसवे पर लगा जाम, यातायात ठप
हादसे के बाद मौके पर लंबा जाम लग गया. एक्सप्रेसवे पर सुरक्षा कारणों की वजह से पुलिस ने यातायात करीब दो घंटे के लिए पूरी तरह से बंद करते हुए कुछ स्थानों पर रूट डायवर्जन किया था. वहीं राहत व बचाव कार्य के बाद सभी दुर्घटनाग्रस्त गाड़ियों को क्रेन की मदद से किनारे लगाया. इसके बाद यातायात फिर से शुरू हो सका. पुलिस के मुताबिक यह हादसा कोहरे और रफ्तार की वजह से हुआ है. हालांकि पुलिस हादसे के वास्तविक कारणों की जांच क रही है.
