महागुन मायवुड्स सोसायटी की कटी बिजली, अंधेरे में 5 हजार परिवार; जानें क्या है वजह
महागुन मायवुड्स सोसायटी में बिल्डर द्वारा 93 लाख रुपये का बिजली बिल न चुकाने के कारण NPCL ने बिजली काट दी है. इससे 5,000 से अधिक परिवार अंधेरे में हैं. लिफ्ट, पानी और सुरक्षा जैसी आवश्यक सेवाएं प्रभावित हुई हैं. सोसायटी वासियों के मुताबिक यह पहली बार नहीं है, जब बिल्डर की मनमानी के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा है.
बिल्डर की मनमानी का बड़ा खामियाजा एक बार फिर महागुन मायवुड्स सोसायटी के लोगों को भुगतनी पड़ रही है. बिल्डर की लापरवाही से एनपीसीएल ने सोसायटी की बिजली काट दी है. ऐसे हालात में यहां रहने वाले 5 हजार से अधिक फ्लैटों में अंधेरा पसर गया है. लाख कोशिशों के बाद भी इन फ्लैटों में रहने वाले परिवार अंधेरे में रहने को मजबूर हैं. नोएडा पावर कंपनी लिमिटेड (NPCL) ने सोमवार की सुबह सोसायटी की बिजली सप्लाई काटी है.
एनपीसीएल ने तर्क दिया है कि सोसायटी का बिजली बिल नवंबर महीने में करीब 93 लाख रुपये का बना था. इसके भुगतान के लिए रिमाइंडर और नोटिस भी जारी किया गया. बावजूद इसके, बिल्डर से बकाए का भुगतान नहीं किया. ऐसे में कंपनी को बिल्डर के खिलाफ सख्त कदम उठाना पड़ा है. यह अलग बात है कि बिल्डर के खिलाफ हुई इस कार्रवाई का खामियाजा सोसायटी में रहने वालों का भुगतना पड़ रहा है.
दो बार नोटिस के बाद भी जमा नहीं किया बकाया
एनपीसीएल के अधिकारियों के मुताबिक सोसायटी की बिजली काटने से पहले मैनेजमेंट को दो बार नोटिस दिया गया, उन्हें चेतावनी दी गई, इसके जवाब में सोसायटी प्रबंधन ने भरोसा तो दिया कि जल्द बकाया राशि जमा कर दी जाएगी.बावजूद इसके, मैनेजमेंट ने तय समय के अंदर बिल भुगतान नहीं किया. उधर, एनपीसीएल की इस कार्रवाई के सोसायटी की रहवासियों ने भी बिल्डर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
पहले भी कई बार कट चुकी है बिजली
सोसायटी में रहने वालों के मुताबिक बिल्डर की मनमानी का यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी कई बार सोसायटी की बिजली कट चुकी है. सोसायटी वासियों के मुताबिक इससे पहले 14 नवंबर और 21 नवंबर को भी एनपीसीएल ने बिजली काटी थी. उस समय भी बिल भुगतान का ही मामला था. बताया कि महागुन मायवुड्स सोसायटी में सिंगल प्वाइंट कनेक्शन है और यहां लगभग 5,000 परिवार निवास करते हैं. बिजली कटते ही सोसायटी में लिफ्ट, पानी की सप्लाई,कॉमन एरिया में लाइटिंग और सुरक्षा व्यवस्था समेत अन्य तरह की दिक्कतें पैदा हो गई हैं.
