‘सिटी ऑफ टेंपल कॉरिडोर’ के रूप में विकसित होगा प्रयागराज, टूरिज्म ट्रैकर हुआ जारी
कुंभ नगरी अब 'सिटी ऑफ़ टेंपल कॉरिडोर' के रूप में विकसित होगा. इसके लिए एक पर्यटन ट्रैकर जारी किया है. यह ट्रैकर पर्यटन गतिविधियों की निगरानी करेगा और होटल, परिवहन सुविधाओं के विकास पर ध्यान देगी. इसके अलावा एक लैंड बैंक भी तैयार किया जाएगा.

यूपी सरकार प्रयागराज को ‘सिटी ऑफ टेंपल कॉरिडोर’ के रूप में विकसित करने जा रही है. इसको लेकर शासन ने सोमवार को टूरिज्म ट्रैकर जारी किया है. यह ट्रैकर पर्यटन गतिविधियों की निगरानी करेगा. साथ ही मंदिरों के गलियारे, होटलों और परिवहन सुविधाओं के विकास पर ध्यान केंद्रित करेगा. इससे पर्यटन को नई पहचान मिलेगी.
टूरिज्म ट्रैकर में घरेलू और विदेशी पर्यटकों की संख्या, होटल, रेस्टोरेंट, और परिवहन की स्थिति, टूरिस्ट स्पॉट्स का प्रदर्शन, आगामी आयोजन और प्रोजेक्ट की प्रगति जैसे अर्धकुंभ, कॉन्क्लेव, फेस्टिवल आदि शामिल हैं. इसके साथ ही 11 प्रमुख मंदिरों को मिलाकर ‘सिटी ऑफ टेंपल कॉरिडोर’ बनाया गया है.
घाटों और मंदिरों के आसपास लगेंगे साइनेज
प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटक अधिकारी अपराजिता सिंह का कहना है कि आगामी अर्धकुंभ को देखते हुए अभी से प्रॉजेक्ट तैयार करना शुरू कर दिया है. ‘सिटी ऑफ टेंपल कॉरिडोर’ के लिए 129 करोड़ रुपए प्राप्त हुई है. जिससे मंदिरों और उसके आसपास बने पक्के घाटों में गंगा आरती जैसे सांस्कृतिक आयोजन का प्रस्ताव तैयार हो रहा है.
उन्होंने बताया कि मंदिर कॉरिडोर को वेंडर्स के अतिक्रमण से बचाने के लिए योजना बन रही है. घाटों और मंदिरों के आसपास कई भाषाओं में साइनेज लगाए जाएंगे. इसके लिए नगर निगम टेंडर जारी करेगा. इसके अलावा महाकुंभ के अनुभव से प्रशासन अब शहर की सीमाओं से बाहर वे-साइड एमेनिटीज का विस्तार करना चाहती है.
एक लैंड बैंक भी तैयार किया जाएगा
वे-साइड एमेनिटीज के लिए एक लैंड बैंक तैयार किया जाएगा जिसमें पार्किंग, विश्राम गृह, कैफेटेरिया और शौचालय जैसी सुविधाओं का विकास होगा. इसके लिए भूमि अधिग्रहण कर उसे ट्रिपल पी मॉडल पर विकसित करने का प्रस्ताव है. इस पहल से धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को मजबूत मिलेगी और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.
अपराजिता के मुताबिक टूरिज्म ट्रैकर में होटल्स को एनओसी की प्रक्रिया और सुगम बनाने का प्रयास किया जाएगा. अभी प्रयागराज में 124 होम स्टे हैं इनकी संख्या और सुविधाओं में बढ़ोत्तरी की जाएगी. पहली बार शहर की धर्मशालाओं को पर्यटन विभाग में रजिस्ट्रेशन कराने पर भी विचार किया जा सकता है.



