प्रयागराज बाढ़: घरों में भरा लबालब पानी, राहत के लिए प्रशासन मांग रहा ‘आधार कार्ड’, नहीं मिल रही मदद

प्रयागराज के आधा दर्जन से ज्यादा मोहल्ले पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. यहां करीब 2 लाख से अधिक लोग बुरी तरह से फंसे हैं. लोगों का कहना है कि प्रशासन राहत के लिए आधार कार्ड मांग रहा है और आधार कार्ड न होने की स्थिति में मदद मुहैया नहीं हो पा रही है. इस वजह से लोग खासा परेशान नजर आ रहे हैं.

आधा दर्जन से ज्यादा मोहल्ले पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में

प्रयागराज में गंगा और यमुना दोनों नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं. इसके चलते बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं. यहां 8 मोहल्ले पूरी तरह से नदियों की गोद में दिखाई दे रहे हैं. आलम ये है कि घरों में लबालब पानी भरा हुआ है. इसी के चलते सैकड़ों लोग तो यहां से निकलकर सुरक्षित जगहों की तरफ पलायन कर चुके हैं लेकिन अभी ऐसे हजारों लोग हैं, जो किसी तरह अपने घर की छतों पर रहने को मजबूर हैं.

इसी बीच राहत कार्यों के लिए प्रशासन यहां फंसे लोगों से अजीबोंगरीब मांग कर रहा है. लोगों का कहना है कि मदद के लिए ‘आधार कार्ड’ मांगा जा रहा है. लेकिन घरों में पानी भरने की वजह से उनके दस्तावेज डूब चुके हैं. इन लोगों का कहना है कि ऐसे में उन्हें मदद नहीं मिल पा रही है. जिसके चलते वे खासा परेशानी का सामना कर रहे हैं.

नाव से हो रही आवाजाही

लोगों ने बताई परेशानियां

प्रयागराज में आई बाढ़ के चलते शहर में भारी किल्लत देखने को मिल रही है. इससे हजारों लोग संकट में आ गए हैं. जब हमारी टीम ने यहां के लोगों से बात की तो उन्होंने बताया कि उन्हें कौन- कौनसी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. यमुना नदी के किनारे बसे सदियाबाद मोहल्ले में निषाद समाज के करीब 5 हजार लोग रहते हैं. ये लोग यमुना में नाव चलाकर अपनी रोजी-रोटी चलाते हैं.

लेकिन अब यही नदी उनकी परेशानी का सबब बन गई है. बाढ़ का पानी घरों की छत तक पहुंच चुका है. और जरूरी कागजाद डूब जाने की वजह से उन्हें मदद मिलना मुश्किल हो रहा है. इससे उनकी समस्याएं और ज्यादा बढ़ रही हैं.

हर तरफ पानी- पानी

कहां से लाएं आधार कार्ड

शादियापुर मोहल्ले के ही रहने वाले सत्यनारायण निषाद ने बताया कि जब घर की पहली मंजिल तक पानी है, तो वह आधार कार्ड कहां से लाएं. बिना आधार के प्रशासन उन्हें न खाना दे रहा है और न ही कोई और सहायता. लोगों की मानें इस संकट में प्रशासन उनके साथ समन्वय के साथ काम नहीं कर रहा है. जरूरत इस बात की है कि ऐसे हालात में कागजी औपचारिकताओं को दरकिनार कर लोगों की तुरंत मदद की जाए.