राहुल गांधी ने जिस रामचेत मोची की जूता सिलाई मशीन देकर की थी मदद, अब वो क्यों हैं बदहाल?
2024 लोकसभा चुनाव के दौरान सुल्तानपुर के दौरे पर राहुल गांधी ने रामचेत मोची से मुलाकात की थी. इस दौरान उन्होंने रामचेत मोची को एक जूते सिलने वाली मशीन दी थी. अब राहुल गांधी दावा कर रहे हैं कि रामचेत मोची ने 10 लोगों को रोजगार दे रखा है और उनकी तकदीर बदल गई है.
चुनाव की तारीख नजदीक आते ही बिहार में सरगर्मियां तेज हो गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी समेत कई बड़े नेता अपने-अपने दलों की प्रचार के लिए बिहार पहुंच रहे है. इस दौरान रैलियों में राहुल गांधी सुल्तानपुर के रामचेत मोची की स्थिति बदलने का लगातार जिक्र कर रहे हैं.
जब राहुल गांधी 2024 के लोकसभा चुनाव में सुल्तानपुर आए थे तो एक जगह रुके थे. यहां उन्होंने रामचेत मोची से मुलाकात की थी. इस दौरान राहुल गांधी ने उन्हें जूते सिलने की सिलाई मशीन दी थी. अब बिहार चुनाव में रैलियों के दौरान वह उन्हीं रामचेत मोदी की तकदीर बदलने का दावा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अब रामचेत ने करीब 10 लोगों को अपने यहां रोजगार दे रखा है.
क्या है राहुल गांधी के दावों की हकीकत?
राहुल गांधी के इन दावों की हकीकत जानने के लिए टीवी9 यूपी रामचेत मोची के सुलतानपुर जिले के गुप्तारगंज बाजार स्थित दुकान पर पहुंचा. हमने पाया कि पहले एक छोटी सी दुकान थी अब एक और दुकान हो गई है. रामचेत मोची का लड़का दुकान पर काम कर रहा है.
महीनों से खराब है रामचेत की तबीयत
रामचेत मोची के लड़के ने बताया कि राहुल गांधी ने जूते की सिलाई की जो मशीन दी थी उसपर महीनों से काम बंद है. दरअसल, रामचेत की तबियत पिछले कई महीनों से खराब है और वो बिस्तर पर हैं. बेटे ने आगे बताया कि काम तो बढ़ा था. 2 से 3 कारीगर भी बढ़े थे, लेकिन पिताजी की तबियत खराब होने से सब वापस चले गए.
राहुल गांधी की मदद के बाद आगे बढ़ा था काम
इस दौरान टीवी9 यूपी ने रामचेत मोची से भी उनके घर जाकर मुलाकात की. बातचीत के दौरान रामचेत मोची ने बताया कि राहुल भैया ने मदद की थी तो काम भी आगे बढ़ा था. लेकिन तबियत खराब होने से रोजगार फिर जैसे का तैसा हो गया. राहुल गांधी ने मशीन दिलाई थी तो काम भी बढ़ चला था. कई कारीगर काम बढ़ने पर ज़रूर आए, लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ कि 10 लोग दुकान पर काम कर अपना परिवार पाल सकें.
तबीयत खराब होने से फिर हो गए बदहाल
फिलहाल आज रामचेत बिस्तर पर हैं और राहुल गांधी की दी हुई मशीन किसी बंद दुकान में रखी है. बेटा राघव ही अपने बूते कमाई कर घर चला रहा है. लिहाजा, हमारी पड़ताल में राहुल गांधी का ये बयान सच के करीब दूर-दूर तक नहीं नजर आ रहा है.