2 लाख का लोन, हर दिन 2 हजार का ब्याज… घर तक गिरवी… 12 पन्ने में सचिन ने लिखा कर्ज का दर्द
उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर के सुसाइड केस में 12 पेज का सुसाइड नोट सामने आया है, जिसमें सचिन ग्रोवर ने कर्जे के ट्रैप में फंसने की पूरी कहानी बताई है. उसके लिए कर्ज को पूरी तरह से खत्म कर पाना मुश्किल हो गया था. सचिन और शिवांगी ने अपने तीन साल के बच्चे को चूहे मारने की दवा कोल्ड ड्रिंक में मिलाकर दे दी.

जल्दी सक्सेस पाने की लालच और कर्ज का ट्रैप खतरनाक होता है. ये इतना खतरनाक हो सकता है कि आपका दिमाग सुन्न पड़ सकता है. इसे न चुका पाने का प्रेशर आपकी सारी खुशियों को तबाह कर सकता है. उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में एक ही परिवार के लोगों की जिंदगी इसी तरह के प्रेशर से जूझ रही थी. उनके प्रेशर का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सचिन ग्रोवर और उनकी पत्नी शिवांगी ने अपने तीन साल के बच्चे को खुद से कोल्ड ड्रिंक में जहर मिलाकर दे दिया.
इसके बाद खुद फांसी के फंदे में झूल गए. मरने से पहले उन्होंने 12 पन्ने का सुसाइड नोट भी लिखा था, जिसमें दोस्त के द्वारा कर्ज में फंसाने के जाल से लेकर उस ट्रैप से कभी न निकल पाने की असहायता दिखाई दे रही थी.

30 प्रतिशत महीने ब्याज पर लिया था कर्ज
हैंडलूम कारोबारी सचिन ग्रोवर ने सुसाइड नोट में लिखा कि दोस्त ने मुझे हर महीने 30 प्रतिशत के ब्याज में फंसा दिया है. अब इससे निकलना मेरे लिए मुश्किल हो गया है. सचिन ने लिखा कि इस ब्याज को खत्म करने के लिए मैंने कई और लोगों से भी कर्ज ले लिया है और अब इसे चुका नहीं पा रहा हूं.सचिन ने घाटे से निकलने के लिए दो साल पहले 50 लाख रुपये का लोन अपनी सास संध्या के नाम पर लिया था.
सचिन की कंपनी अभी भी घाटे में चल रही थी. ऐसे में उसकी सास रुपये लौटाने को भी नहीं कर सकीं. सचिन ने बैंक के लोन को चुकाने के लिए कुछ दोस्तों से कर्ज लिया तो उन दोस्तों ने भी 30 प्रतिशत ब्याज पर 2 लाख उसे रुपये दिए. सचिन ने सुसाइड नोट में लिखा कि मैं ब्याज चुकाने और कर्ज देने के चक्रव्यूह में फंस चुका हूं. उसे हर दिन 2 हजार रुपये का ब्याज देना होता था. उसका घर भी गिरवी था.
सूदखोर सचिन के घर का चक्कर काट रहे थे
सचिन ने सुसाइड नोट में लिखा कि लोग मेरे घर का चक्कर काट रहे थे. मैं उनसे रुपये चुकाने का थोड़ा समय मांगता और ब्याज उतना ही बढ़ जाता मगर मेरा कर्ज कम नहीं होता. कुछ समय कुछ लोग मेरी कार भी उठाकर ले गए. कुल मिलाकर सचिन सूदखोरों के जाल में फंसकर रह गया था. इसलिए उसकी पत्नी और उसने सुसाइड करने का फैसला लिया. पहले बेटे को जहर खिलाया, उसकी मौत के बाद उसे चादर ओढा दी. उसी कमरे में पत्नी शिवांगी फांसी के फंदे पर झूल गई. इसके बाद सचिन ने दूसरे कमरे में जाकर सुसाइड कर लिया.
सुबह-सुबह सचिन की पड़ोस में रहने वाली भाभी अपने बच्चे के नामकरण समारोह का न्योता देने पहुंची तो देखा कि शिवांगी फांसी के फंदे से लटकी हुई थी. उन्होंने इसके बारे में तुरंत पुलिस को सूचना दी.