टूंडला रामलीला को हरी झंडी, सुप्रीम कोर्ट ने HC की रोक हटाई; ये है पूरा मामला
फिरोजाबाद के टूंडला में 80 साल पुरानी रामलीला को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. अदालत ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के प्रतिबंध को हटा दिया. साथ ही रामलीला के आयोजन को हरी झंडी दे दी है. शीर्ष अदालत के इस फैसले से टूंडला वासियों में खुशी है.
फिरोजाबाद टूंडला नगर की 80 साल पुरानी श्रीनगर रामलीला पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. अदालत ने कहा कि रामलीला का मंचन फिलहाल वहीं होगा, जहां अब तक होता आया है. इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इसके आयोजन पर रोक लगा दी थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने अब निरस्त कर दिया है.
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने जिला प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि भविष्य में ऐसे धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों के लिए अलग स्थान तय किया जाए, ताकि छात्रों की पढ़ाई और खेलकूद प्रभावित न हों. हाईकोर्ट ने प्रदीप राणा नाम के शख्स की याचिका पर रामलीला के आयोजन पर रोक लगा दी थी.
प्रशासन ने रामलीला मंचन को करा दिया था बंद
प्रदीप राणा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि विद्यालय परिसर में होने वाले 18 दिन के रामलीला मंचन से बच्चों की पढ़ाई और खेल मैदान प्रभावित होते हैं. इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने आयोजन पर रोक लगा दी थी. इस कदम से शहरवासियों और धार्मिक संगठनों में आक्रोश फैल गया था.
22 सितंबर की रात प्रशासन ने रामलीला मंचन को बंद करा दिया था. इसके बाद एक दिन के लिए सत्यम पार्क में मंचन कराया गया, लेकिन समिति और श्रद्धालुओं ने इसे परंपरा के विपरीत बताया. इसके बाद समिति के संयोजक जयजीव पाराशर और अध्यक्ष कृष्ण हरेंद्र पाल सिंह ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया.
याचिकाकर्ता को फटकार, टूंडला वासियों में खुशी
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्य कांत ने सवाल किया, ‘जब रामलीला 80 साल से चल रही थी तो अचानक क्या दिक्कत हुई? बच्चों या पैरेंट्स को कोई परेशानी नहीं थी. आप रामलीला से पहले भी शिकायत कर सकते थे. वहीं, कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद रामलीला को पूर्ववत स्थल पर आयोजित करने की अनुमति दे दी.
हालांकि, कोर्ट ने कहा कि हम स्कूल के खेल के मैदान का किसी भी तरह से इस्तेमाल करने की मंज़ूरी नहीं देते हैं. साथ ही प्रशासन को भविष्य में ऐसे आयोजनों के लिए अलग स्थान खोजने का निर्देश भी दिया. अदालत के इस फैसले से टूंडला में श्रद्धालुओं और आयोजकों में खुशी की लहर दौड़ गई है.