अब गांव में घर बनाने के लिए ले सकेंगे लोन, यूपी में घरौनी कानून को मिली मंजूरी

यूपी सरकार ने गांवों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने और संपत्ति विवादों को खत्म करने के लिए एक अहम कदम उठाया है. दरअसल, योगी सरकार ने सदन में घरौनी कानून से संबंधित विधेयक पेश किया था, जिसे मंजूरी मिल गई है. अब इस कानून के तहत गांवों में घर बनाने के लिए ग्रामीण बैंकों से लोन ले सकेंगे.

यूपी में घरौनी कानून पास Image Credit:

उत्तर प्रदेश ग्रामीण आबादी विधेयक, 2025 यानी घरौनी कानून पास हो गया है. यह विधेयक ग्रामीण इलाकों के लिए बेहद अहम साबित होगा. इसके लागू होने से गांवों में रहने वाले लोग अपने घर बनाने के लिए बैंकों से लोन ले सकेंगे. साथ ही अन्य जरूरी आर्थिक सुविधाओं का भी लाभ आसानी से उठा सकेंगे.

संपत्ति के पक्के कागजात को हासिल करने में होगी आसानी

यूपी सरकार में मंत्री जयवीर सिंह ने सदन में बताया कि यह विधेयक ग्रामीण इलाकों के स्वामित्व अभिलेखों को कानूनी मान्यता देने के लिए लाया गया है. ड्रोन सर्वे से बनी घरौनी का संरक्षण और समय-समय पर अपडेट और कानूनी प्रबंधन करना बेहद आसान साबित हो जाएगा. साथ ही सर्वे की मदद से ग्रामीणों को उनकी जमीन और मकान के पक्के कागजात मुहैया कराने में आसानी होगी.

घर बनाने के लिए ग्रामीणों को बैंक से मिल सकेगा लोन

ग्रामीणों को घरौनी मिलने से सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि वे अपनी संपत्ति के आधार पर बैंक से आसानी से लोन ले सकेंगे. साथ ही ग्रामीण अक्सर ग्राम पंचायतों की विकास योजनाओं से मरहूम रहने की शिकायत करते हैं. लेकिन इस विधेयक के लागू होने से भूमि का सही रिकॉर्ड तैयार होगा और उन्हें ऐसी योजनाओं से वंचित नहीं रहना पड़ेगा. बता दें कि घरौनी में स्वामी का नाम, भूखंड का ब्यौरा, क्षेत्रफल, रेखा चित्र और स्थानिक जानकारी दर्ज रहेगा.

90,573 गांवों में ड्रोन सर्वे हो चुका है पूरा

मंत्री जयवीर सिंह ने सदन में बताया कि स्वामित्व योजना को लेकर भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच एमओयू भी हुआ है. प्रदेश के तकरीबन  1,10,344 गांव इस योजना के अंदर लाए गए हैं. 90,573 गांवों में ड्रोन सर्वे पूरा हो चुका है. सिर्फ गैर आबाद गांवों का सर्वे बाकी है. फिलहाल, मई तक करीब 1 करोड़ 6 लाख से ज्यादा घरौनियां तैयार कर ली गई थीं. अब तक 1 करोड़ 1 लाख से अधिक घरौनियां ग्रामीणों को दिया भी जा चुका है.

ग्रामीण इलाकों के संपत्ति विवादों में आएगी कमी

बता दें कि पहले घरौनी बनने के बाद विरासत, उत्तराधिकार, बिक्री और अन्य कारणों से उनमें नाम बदलने और संशोधन को लेकर कोई साफ नियम नहीं थे. लेकिन अब इस विधेयक के आने से नामांतरण और संशोधन की प्रक्रिया तय हो जाएगी. सरकार का मानना है कि इस विधेयक के लागू होने से ग्रामीण इलाकों के संपत्ति विवादों में कमी आने के साथ-साथ जमीन के कागजात संबंधी सभी कामों में पारदर्शिता बढ़ेगी.