कौन ले रहा यूपी के ऊर्जा मंत्री की सुपारी? एके शर्मा ने खुद किया इसका खुलासा
उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग को लगातार टार्गेट करने वालों पर ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कुछ बिजली कर्मचारी नेताओं पर उनकी सुपारी लेने का आरोप लगाया है. मंत्री ने आरोप लगाया कि ये नेता ही विभाग की बदनामी के लिए जिम्मेदार हैं.

उत्तर प्रदेश में इन दिनों बिजली विभाग खुब सुर्खियों में है. लगातार विभाग के कर्मचारी की लापरवाही और पावर कट की शिकायतें आ रही है. ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा के बार-बार समझाने के बाद भी सुधार नहीं हुआ. आलम ये रहा कि खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपने कड़े शब्दों में विभाग के अधिकारियों को समझाना पड़ा. इस बीच एके शर्मा ने उनकी सुपारी लेने को लेकर बड़ा दावा किया.
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने सोमवार को उनकी सुपारी लेने वालों को लेकर खुलासा किया. उनका आरोप है कि सुपारी लेने वालों में बिजली कर्मचारी के वेश में कुछ अराजक तत्व भी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि इसको लेकर कुछ बिजली कर्मचारी नेता काफ़ी दिनों से परेशान घूम रहे हैं, क्योंकि उनके सामने ऊर्जा मंत्री झुकते नहीं हैं. एके शर्मा ने दावा किया कि ये वही लोग हैं जिनकी वजह से बिजली विभाग बदनाम हो रहा है.
सुपारी के तहत आवास पर किया गया हंगामा
यूपी के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने ये भी कहा कि ये लोग ज्यादातर बिजली अधिकारियों और कर्मियों के दिन-रात की मेहनत पर पानी फेर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि इन लोगों द्वारा ली गई सुपारी के तहत ही कुछ दिन पहले उनके आवास पर विरोध प्रदर्शन किया गया. ये अराजक तत्व निजीकरण के विरोध के नाम पर 6 घंटे तक उनके आवास को घेरे रहें. इस दौरान अनेक और उनके परिवार के खिलाफ असभ्य भाषा का इस्तेमाल किया गया.
अन्य विभागों में हड़ताल क्यों नहीं हो रही?
एके शर्मा कार्यालय के एक्स हैंडल पर इसको लेकर पोस्ट किया गया है. इसमें यह भी सवाल किया गया है कि अन्य विभागों में हड़ताल क्यों नहीं हो रही? वहां यूनियन नहीं हैं या कोई समस्या नहीं हैं? वहीं, बिजली विभाग के निजीकरण पर हो रहे विरोध पर भी उन्होंने कुछ सवाल किए हैं, साथ ही कहा कि लगता है कि जलने वाले सभी लोग इकट्ठे हो गए हैं. लेकिन ईश्वर और जनता उनके साथ हैं.
निजीकरण पर ऊर्जा मंत्री ने पूछे ये सवाल
उन्होंने लिखा कि, जहां तक निजीकरण का प्रश्न है इनसे कोई पूछे कि जब 2010 में टोरेंट कंपनी को निजीकरण करके आगरा दिया गया, तब भी ये लोग यूनियन लीडर थे. कैसे हो गया यह निजीकरण? सुना है वो शांति से इसलिए हो गया कि ये बड़े कर्मचारी नेता लोग हवाई जहाज़ से विदेश पर्यटन पर चले गए थे. उन्होंने कहा कि निजीकरण का इतना बड़ा निर्णय अकेला मंत्री का नहीं हो सकता.
उन्होंने आगे कहा कि जब एक JE तक का ट्रांसफ़र ऊर्जा मंत्री नहीं करता है. UPPCL प्रबंधन की सामान्य कार्यशैली स्वतंत्र है तो इतना बड़ा निर्णय ऊर्जा मंत्री अकेले कैसे कर सकता है? एके शर्मा ने यह भी बताया कि वर्तामान में यह पूरा निर्णय चीफ सेक्रेटरी की अध्यक्षता में बनाई गई टास्क फोर्स ले रही है. उसके तहत ही सारी कार्यवाही हो रही है.



