वाराणसी: पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत, रात में ही देवरिया जेल रवाना

पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर को वाराणसी कोर्ट में तथ्यहीन वीडियो और वैमनस्यता फैलाने के आरोप में पेश किया गया. कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में देवरिया जेल भेज दिया. अमिताभ ठाकुर ने अपनी जान को खतरा बताया था. जिसके बाद कड़ी सुरक्षा घेरे में उन्हें कोर्ट में पेशी के लिए लाया गया था.

पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर को भेजा गया जेल

पूर्व आईपीएस और आजाद अधिकार सेना के अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर को शुक्रवार देर शाम वाराणसी की स्पेशल सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया. उन्हें सख्त सुरक्षा घेरे में कोर्ट में पेश किया गया. इस दौरान तीन आईपीएस, आधा दर्जन थानों की फ़ोर्स और सैंकड़ो की संख्या में पुलिस और पीएसी के जवान वाराणसी कोर्ट के चप्पे चप्पे पर डंटे हुए थे.

देवरिया में पुलिस अभिरक्षा में कोर्ट जाते समय अमिताभ ठाकुर ने अपनी जान को खतरा बताया था. उस घटना के बाद वाराणसी में और पेशी के बाद बाहर जाते हुए उनको प्लास्टिक के शील्ड से पुलिस वाले ढंके हुए थे, ताकि उनका चेहरा ना दिखे. अमिताभ ठाकुर ने कहा कि मैं कोई पर्दानशी हूं जो उस तरह से ढंके हुए हो?

अमिताभ ठाकुर के खिलाफ क्या है मुकदमा?

अमिताभ ठाकुर ने कोडिन कफ सिरप के मामले में 30 नवंबर को ट्विटर पर एक वीडियो प्रसारित किया था. जिसमें उन्होंने वीडीए के मानद सदस्य और समाजसेवी अंबरीश सिंह भोला पर तमाम आरोप लगाए थे. इस मामले में अंबरीश सिंह भोला ने 8 दिसंबर को अमिताभ ठाकुर समेत तीन लोगों के ख़िलाफ चौक थाने में मुकदमा दर्ज कराया था.

पुलिस ने बीएनएसएस की धारा 196, 229, 356 (2), 356 (3) के तहत केस दर्ज किया था. इसी मामले में ये पेशी हुई थी. देवरिया जेल में बंद अमिताभ ठाकुर को गुरुवार की शाम वाराणसी सेन्ट्रल जेल लाया गया था. आज शाम 6 बजे उनकी पेशी स्पेशल सीजेएम कोर्ट में हुई. जहां से 14 दिन की न्यायिक हिरासत में अमिताभ ठाकुर को देवरिया जेल भेज दिया गया.

कोर्ट में दोनों पक्षों ने क्या-क्या दलीलें रखीं?

कोर्ट में अमिताभ ठाकुर के वकील अनुज यादव ने कहा कि जिन सेक्शन्स में FIR हुआ है उनमें दो ऐसे हैं जो कि असंज्ञेय हैं. उनमें FIR नहीं हो सकता है. बाकी तीन में सात साल से कम की सजा है लिहाजा रिमांड नहीं होना चाहिए. अमिताभ ठाकुर ने कहा कि वीडियो में उन्होंने जो कुछ तथ्य रखें अभी उसकी जांच हुई ही नहीं तो उनको फर्ज़ी कैसे कहा जा सकता है?

अभियोजन की तरफ से ये कहा गया कि मामला संज्ञेय अपराध से जुड़ा है, न्यायिक रिमांड बनाया जा सकता है. अभियोजन की ओर से अमिताभ ठाकुर की न्यायिक रिमांड की मांग की गई. अभियोजन अधिकारी मधुसूदन तिवारी और अमित कुमार यादव ने अदालत के समक्ष कहा कि अमिताभ ठाकुर के खिलाफ दर्ज धारा 196 (1) संज्ञेय अपराध की है.

अमिताभ ठाकुर वाराणसी जेल में रहना चाहते थे

वहीं, दोनों पक्ष को सुनने के बाद कोर्ट ने अमिताभ ठाकुर को 14 दिन के न्यायिक हिरासत में देवरिया जेल भेज दिया. कोर्ट परिसर में पेशी के दौरान पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर में कहा कि उन्हें यहीं वाराणसी जेल में ही रखा जाए. देवरिया का रास्ता 5 से 6 घंटे का है और जबरदस्त कोहरा पड़ रहा है. ऐसे में रास्ते में उनके साथ कुछ भी हो सकता है.

वहीं, कोर्ट ने कहा कि उनके सुरक्षा व्यवस्था की पूरी तरह से जिम्मेदारी की जाए, जिससे उनके जानमाल को खतरा न हो. कोर्ट ने कहा कि आप सुरक्षित जाएंगे निश्चिन्त रहें. इसके बाद रात में ही सख्त सुरक्षा घेरे में पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर को वाराणसी कोर्ट परिसर से देवरिया जेल रवाना कर दिया.