ये कैसा चमत्कार? गंगा में तैरने लगी भारी भरकम शिला, गाजीपुर पहुंचने पर लोगों ने शुरू किया पूजा-पाठ

गाजीपुर में गंगा नदी में एक विशाल पत्थर तैरता हुआ मिला है. इसे देखकर लोगों में आश्चर्य और धार्मिक आस्था का माहौल बन गया है. पत्थर का वज़न 3-4 कुंटल से ज़्यादा अनुमानित है. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. अधिकारी पत्थर के तैरने के कारणों की जांच कर रहे हैं, जबकि स्थानीय लोग इसे चमत्कार मान रहे हैं.

गंगा में तैरता मिला पत्थर

भगवान राम को लंका जाने के लिए नल और नील ने पत्थरों का पुल बनाया था. यह पत्थर समंदर में डालने पर तैरने लगते थे. यह तो हुई त्रेतायुग की बात, लेकिन कुछ ऐसा ही मंजर इस कलियुग में भी देखने को मिला है. बनारस से गाजीपुर के बीच एक भारी भरकम पत्थर गंगा की धारा के साथ बहते हुए जा रहा था. लोगों ने इस पत्थर को बहते देखा तो हैरान रह गए और रस्सी से बांधकर उसे किनारे लाया गया. अनुमान लगाया जा रहा है कि यह पत्थर करीब 3-4 कुंटल से भी अधिक वजन का हो सकता है.

गाजीपुर के ददरी घाट पर इस पत्थर को किनारे आने की सूचना मिलते ही इसे देखने के लिए लोगों की भीड़ जमा हो गई. बड़ी संख्या में लोग धूप-अगरबत्ती और दिया लेकर पूजा पाठ करने पहुंच गए. चूंकि सावन का पवित्र महीना चल रहा है, ऐसे में पत्थर को तैरते देख लोग कोतुहल से भर गए. सूचना मिलने पर जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे. अधिकारियों ने पत्थर के तैरने की वजह तलाशनी शुरू कर दी है.

ददरी घाट किनारे पर है यह शिला

जानकारी के मुताबिक गाजीपुर के ददरी घाट के पास एक मछुआरा अपनी नाव में बैठकर मछलियां पकड़ रहा था. इसी दौरान उसे तैरता हुआ पत्थर नजर आया. उसने जाल की रस्सियों ने पत्थर को बांधा और किनारे ले जाकर उसे उठाने की कोशिश की, लेकिन वह पानी में से नहीं निकाल सका. उसने वहां मौजूद लोगों से मदद मांगी, लेकिन 10 लोग मिलकर भी इस पत्थर को नहीं उठा सके. देखते ही देखते यह खबर जंगल की आग की तरह गांव और फिर गांव के बाहर तक फैलती चली गई.

वायरल हो रहा वीडियो

इस समय सोशल मीडिया में इस पत्थर के तैरने का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियों में साफ नजर आ रहा है कि पत्थर पानी में आधा डूबा है और लोग इसकी पूजा पाठ कर रहे हैं. कुछ लोग इसे सावन में गंगा का चमत्कार बता रहे हैं. वहीं कुछ लोगों का दावा है कि इस पत्थर का संबंध रामायण काल से है. हालांकि अधिकारियों ने इस पत्थर की जांच शुरू कर दी है. पता किया जा रहा है कि इतना वजनी पत्थर कैसे पानी में तैर सकता है.