वाराणसी की बच्चियों ने PM मोदी को भेजी ‘ब्रह्मोस’ राखी, कहा- ये भारत-रूस दोस्ती की मिसाल

पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की इन बच्चियों का कहना है कि ब्रह्मोस मिसाइल, भारत -रूस मित्रता की मिसाल है जिसे भारत और रूस ने मिलकर तैयार किया है. उसको गुलाबी मीनाकारी राखी के स्वरुप में बनाकर हमने पीएम मोदी को भेजा है. यह राखी काशी की पारंपरिक कला का प्रतिक भी है.

वाराणसी की बच्चियों ने पीएम मोदी को 'ब्रह्मोस' राखी भेजी Image Credit:

वाराणसी की पांच बच्चियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक अनोखी राखी भेजी है. यह गुलाबी मीनाकारी राखी ब्रह्मोस मिसाइल के आकार की है, जो भारत-रूस मैत्री का प्रतीक है. बच्चियों ने यह राखी भारत-रूस के मजबूत संबंधों और महिला सशक्तिकरण को समर्पित किया है. पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र की इन बच्ची ने राखी के माध्यम से काशी की पारंपरिक कला का भी प्रदर्शन किया है.

वाराणसी के गायघाट इलाके की रहने वाली अनुष्का वर्मा, शालिनी, तनु, संगीता और माही इन पांच बच्चियों ने ये ब्रह्मोस मिसाइल पर आधारित राखी भेजी है. इन बच्चियों ने बताया कि अमरीका से टैरिफ़ वॉर और तनाव के बीच रूस एक बार फिर हमारे साथ खड़ा हुआ है. रूस के राष्ट्रपति को भारत आने के लिए आमंत्रित भी किया है. इसलिए हमने भारत -रूस मित्रता को राखी के रूप में तैयार किया है.

भारत -रूस की मित्रता की मिसाल

बच्चियों का कहना है कि ब्रह्मोस मिसाइल, भारत -रूस मित्रता की मिसाल है जिसे भारत और रूस ने मिलकर तैयार किया है. उसको गुलाबी मीनाकारी राखी के स्वरुप में बनाकर हमने पीएम मोदी को भेजा है. इन छोटी उम्र के आर्टिजन के मेंटॉर (प्रशिक्षक) और नेशनल अवार्ड विजेता कुंज बिहारी सिंह ने बताया कि इन बच्चियों ने पीएम मोदी को ये राखी भारत -रूस की मित्रता को समर्पित किया है.

उन्होंने कहा कि साथ ही यह महिला सशक्तिकरण, स्वदेसी मूवमेंट, ऑपरेशन सिन्दूर की सफलता और काशी की परम्परा को भी ध्यान में रखकर बनाया है. तिरंगे पर रुद्राक्ष के साथ चांदी पर ये ब्रह्मोस वाली राखी तैयार की गई है. पीएम मोदी ने दो अगस्त को काशी दौरे में ब्रह्मोस मिसाइल के यूपी में बनने, स्वदेसी मूवमेंट पर जोर देने, महिलाओं के सशक्तिकरण पर जोर देने की बात कही थी.

यूएस-यूरोप तक इन राखियों की डिमांड

साथ ही पीएम मोदी ने ऑपरेशन सिन्दूर की सफलता को महादेव को समर्पित करने की बात कही थी. उन सारी बातों के निष्कर्ष के रूप में इन बच्चियों ने इस राखी को तैयार किया है. कुंज बिहारी सिंह ने बताया कि इस बार दो महीने से रक्षाबंधन के लिए हम राखी तैयार कर रहे थे. इस बार गुलाबी मीनाकारी की करीब दस हज़ार राखियां तैयार की हैं.

गुलाबी मीनाकारी राखियों की डिमांड यूएस और यूरोप तक रही है. उन्होंने कहा कि 600 से लेकर 5000 रुपए तक की रेंज में ये राखियां तैयार की गई है. अपने देश में सबसे ज़्यादा डिमांड लखनऊ, दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद और बेंगलुरु से आती है. कुंज बिहारी सिंह ने बताया कि अब काशी के स्कूलों ने भी गुलाबी मीनाकारी को अपने स्कूल के सिलेबस में शामिल कराना शुरू कर दिया है.