यमुने तूने ये क्या किया… वृंदावन में बाढ़ से संत प्रेमानंद निराश, दो घंटे स्टीमर में बैठकर किया भ्रमण

वृंदावन में यमुना नदी की विनाशकारी बाढ़ से व्यापक तबाही मची है. इसी बीच संत प्रेमानंद ने स्टीमर में बैठकर प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री वितरित की. उन्होंने ब्रजवासियों को सब्र रखने की सलाह दी. कहा कि भगवान की कृपा से जल्द सबकुछ ठीक होगा. वहीं उन्होंने यमुना के इस रौद्र रूप को देखकर निराशा जाहिर की.

स्टीमर में भ्रमण करते संत प्रेमानंद महाराज

वृंदावन के संत प्रेमानंद सोमवार की शाम वृंदावन में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में भ्रमण पर निकले थे. उन्होंने स्टीमर में बैठकर करीब दो घंटे तक विभिन्न इलाकों का जायजा लिया. इस दौरान संत प्रेमानंद बहुत ही निराश नजर आए. उन्होंने यमुना महारानी से आग्रह किया कि वह वापस लौट जाएं. उन्होंने कहा कि वृंदावन वासी भगवान कृष्ण के अनन्य भक्त हैं और वह खुद भगवान की पटरानी हैं. इसलिए उन्हें भगवान के भक्तों को इस तरह सताना नहीं चाहिए.

बता दें कि इस समय मथुरा और वृंदावन में यमुना महारानी रौद्र रूप ले चुकी है. विकराल बाढ़ की वजह से लोगों को अपना घर मकान तक खाली करना पड़ा है. नौबत यहां तक आ गई है कि जहां एक हफ्ते पहले तक लोग दंडौती लगाते थे, पैदल परिक्रमा करते थे, आज वहां नावें चल रही हैं. यहां तक कि बांके बिहारी मंदिर के पास तक यमुना का पानी पहुंच गया है. बीते आठ दिनों में यमुना महारानी ने ऐसा तांडव दिखाया है कि ब्रजवासियों का खाना पीना ही नहीं, उठना बैठना तक मुश्किल हो गया है.

स्टीमर में बैठकर किया भ्रमण

लोगों की इन दुश्वारियों को देखते हुए सोमवार की शाम संत प्रेमानंद महाराज भी अपने आश्रम से निकलकर यमुना की बाढ़ देखने के लिए निकल पड़े. उन्होंने अपने शिष्यों के साथ स्टीमर में बैठकर वृंदावन के अलग अलग हिस्सों में जाकर बाढ़ की विभिषिका देखी. इस दौरान हुई तबाही को देखकर वह भावुक हो गए और बोल पड़े कि ‘यमुने तूने ये क्या किया’. संत प्रेमानंद करीब दो से ढाई घंटे तक स्टीमर में घूमते रहे और आखिर में बेहद निराश भाव से अपने आश्रम में लौट आए.

लोगों को दिया भगवान का भरोसा

संत प्रेमानंद अपने साथ बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत साम्रगी भी ले गए थे. उन्होंने अलग अलग इलाकों में घूमकर बाढ़ प्रभावित लोगों की कुशलक्षेम पूछी, उन्हें राहत साम्रगी बांटी और भरोसा दिया कि भगवान की कृपा से जल्द सब ठीक हो जाएगा. इस दौरान ब्रज वासियों ने बाढ़ से हुए नुकसान और इस समय हो रही परेशानी की जानकारी दी. यह सुनकर संत प्रेमानंद दुख से भर उठे. उनके चेहरे पर निराशा का भाव साफ नजर आया.