पूजा सामग्री बेचने वाले दुकानदार केवल हिन्दू होने चाहिए… बागपत में यशवीर महाराज की प्रशासन से मांग
यशवीर महाराज ने अपने विवादित बयान को लेकर एक बार फिर से चर्चा में हैं. इस बार उन्होंने बागपत में मुस्लिम दुकानदारों के खिलाफ़ मोर्चा खोला है. उनका कहना है कि मंदिरों के आसपास केवल हिंदू दुकानदारों को ही पूजा सामग्री बेचने की अनुमति दी जानी चाहिए...

मुजफ्फरनगर में दुकानों पर नेमप्लेट अभियान चलाकर सुर्खियों में आए यशवीर महाराज फिर अपने विवादित बयान को लेकर चर्चा में हैं. इस बार बागपत में कांवड़ सेवा शिविर के उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान उन्होंने पूजा सामग्री बेचने वाले मुस्लिम दुकानदारों को लेकर तीखा बयान दिया है. यशवीर महाराज का कहना है कि मंदिरों के आसपास पूजा सामग्री बेचने वाले दुकानदार केवल हिन्दू होने चाहिए.
यशवीर महाराज ने कहा कि मंदिरों के आसपास पूजा सामग्री बेचने वाले दुकानदार केवल हिन्दू होने चाहिए. हिन्दू विरोधी मानसिकता वाले लोगों को इस पवित्र कार्य से दूर रखा जाए. उन्होंने प्रशासन से मांग की कि ऐसे दुकानदारों को पूजा सामग्री बेचने का परमिट न दिया जाए, जो सनातन परंपराओं में आस्था नहीं रखते हैं. इससे पहले वह कांवड़ रूट पर पहचान अभियान चलाकर विवादों में थे.
शांति भंग करने की साजिशें हो रही
मुजफ्फरनगर के बघरा गांव में आश्रम चलाने वाले स्वामी यशवीर महाराज हिन्दू आस्था के साथ खिलवाड़ होने को लेकर आक्रामक हैं. उन्होंने कांवड़ यात्रा के दौरान कथित रूप से घुसे मुस्लिम युवकों और विपक्षी गुंडों पर उपद्रव फैलाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि हिन्दू त्योहारों और धार्मिक आयोजनों में शांति भंग करने की साजिशें की जा रही हैं, जिन्हें किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
मुजफ्फरनगर में नामपट्टियों को लेकर चले अभियान के बाद अब बागपत में दिए गए इस बयान ने एक बार फिर माहौल को गर्मा दिया है. हालांकि प्रशासन की ओर से इस बयान पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन यह मुद्दा स्थानीय स्तर पर तेजी से तूल पकड़ रहा है. यशवीर महाराज हाल में हरिद्वार के बने कांवड़ को बायकॉट करने की भी अपील की थी.
हरिद्वार में मुसलमान बना रहें कांवड़
यशवीर महाराज ने सावन शुरू होने से पहले कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाले दुकानों पर नेमप्लेट लगाने को लेकर विवादों में रहें. जहां उन्होंने वैष्णव ढ़ाबा पर मुस्लिम मालिक का पहचान उजागर किया था. जिसके बाद उसके मालिक ने दुकान को एक महीने के लिए बंद कर दिया. उसके बाद उन्होंने हरिद्वार में बने कांवड़ को खरीदने से मना किया. उनका आरोप है कि हरिद्वार में मुसलमानों द्वारा कांवड़ बनाया जाता है.



