डार्क वेब, क्रिप्टोकरेंसी और जमात… आगरा धर्मांतरण केस में बड़ा खुलासा; तीन लड़कियां भी बरामद

आगरा धर्मांतरण केस में गिरफ्तार आरोपियों ने गिरोह को लेकर बड़ा खुलासा किया है. यह गिरोह पाकिस्तान और कश्मीर से जुड़ा था और क्रिप्टोकरेंसी के जरिए फिलिस्तीन में पैसे भी भेजता था. ये गिरोह चार चरणों में धर्मांतरण को अंजाम देता था. पुलिस ने तीन पीड़ित लड़कियों को बरामद किया है.

आगरा अवैध धर्मांतरण केस में बड़ा खुलासा Image Credit:

उत्तर प्रदेश के आगरा में दो बहनों के लापता और अवैध धर्मांतरण मामले में अब पूरे रैकेट का काला सच सामने आ गया है. धर्मांतरण गिरोह का मकसद पूरे देश में इस्लाम फैलाना था. इस रैकेट का सीधा कनेक्शन पाकिस्‍तान में बैठे दलालो से था. यहां तक इसमें कश्मीरी लड़कियों का एक सक्रिय समूह भी शामिल था. यह गिरोह 14 से 15 साल के लड़के-लड़कियों को निशाना बनाता था.

आगरा पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में धर्मांतरण रैकेट का सच सबके सामने रखा. उन्होंने बताया कि ‘मिशन अस्मिता’ के तहत पुलिस ने अब तक गिरोह के मास्टरमाइंड अब्दुल रहमान समेत 14 लोगों को गिरफ्तार किया है. अब्दुल रहमान पाकिस्तान में अपने साथियों के संपर्क में था. पुलिस ने धर्मांतरण के शिकार 3 लड़कियों को भी बरामद किया है.

3 लड़कियां बरामद, घरवालें घटना से अनजान

आगरा पुलिस कमिश्‍नर ने बताया कि धर्मांतरण का शिकार 3 लड़कियों को भी बरामद किया गया है. इनका धर्म बदला गया था, जिसकी जानकारी उनके घरवालों को भी नहीं थी. बरामद किए गए लड़कियां यूपी के अलीगढ़, बरेली और ओडिशा के राउरकेला की बताई जा रही है. पुलिस के मुताबिक, ये तीनों लड़कियां गोवा से गिरफ्तार आयशा नूर और दिल्ली से गिरफ्तार अब्दुल रहमान के संपर्क में थी.

क्रिप्टोकरेंसी से फिलिस्तीन भेजे जाते थे पैसे

पुलिस के अनुसार, यह गिरोह 14 से 15 साल के लड़के-लड़कियों को टार्गेट करता था. जांच में यह भी पता चला है कि इस गिरोह के तार पाकिस्तान और कश्मीर से जुड़े हैं. गिरोह के मास्टरमाइंड पाकिस्तान के तनवीर अहमद और साहिल अदीब हैं, जो सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर हैं और वहीं से इस पूरे गिरोह को संचालित करता था. गिरोह के तीन सदस्य डार्क वेब का इस्तेमाल करते थे.

जांच में खुलासा हुआ है कि अब्दुल रहमान क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से फिलिस्तीन में पैसे भी भेजता था. गिरोह के तीन सदस्य के अलावा अब्दुल रहमान खुद डार्क वेब का एक्सपर्ट था और अलग-अलग तरीकों से कम उम्र की लड़कियों को फंसाता था. कश्मीरी लड़कियों का एक ग्रुप युवाओं को कश्मीर बुलाने के लिए यात्रा, रहने और खाने का खर्च उठाता था.

धर्मांतरण की प्रक्रिया चार फेज में होती थी

पुलिस के मुताबिक, इस गिरोह का तरीका काफी शातिर था. ये गिरोह फेजों में काम करता था. पहले ऑनलाइन गेमिंग के माध्यम से युवाओं से संपर्क साधा जाता था. इसके बाद, उन्हें ‘बौद्धिक विमर्श’ के बहाने आकर्षित किया जाता था, जो किसी कारण से दुखी या परेशान थे. तीसरे फेज में इस्लाम स्वीकार कराना. आखिर में धर्म परिवर्तन के बाद उन्हें इस्लामिक जमात में भेज दिया जाता था. जहां उन्हें इस्लाम की जानकारी दी जाती थी.

पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने बताया कि यह मामला केवल धर्मांतरण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रीय और आंतरिक सुरक्षा के लिए भी एक गंभीर चुनौती है. जांच अभी जारी है और पुलिस इस रैकेट से जुड़े और भी लोगों की तलाश कर रही है.