चेक से रिश्वत लेने वाले बैंक मैनेजर को 5 साल की जेल, CBI कोर्ट का फैसला

अंबेडकरनगर में बैंक ऑफ बड़ौदा के मैनेजर राम स्वरूप मिश्रा रिश्वत मामले में दोषी ठहराए गए हैं. लखनऊ की CBI कोर्ट ने 5 साल की सजा सुनाई है. साथ ही 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. राम स्वरूप को 2018 में CBI ने रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा था.

रिश्वतखोरी के आरोप में बैंक मैनेजर को जेल

लखनऊ की स्पेशल CBI कोर्ट ने सोमवार को अंबेडकरनगर में बैंक ऑफ बड़ौदा के ब्रांच मैनेजर राम स्वरूप मिश्रा को भ्रष्टाचार के मामले में दोषी ठहराया है. कोर्ट ने राम स्वरूप को 5 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई. साथ ही 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है. साल 2018 में CBI ने उन्हें रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा था.

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने 7 मार्च 2017 को शिकायत के आधार पर यह मामला दर्ज किया था. आरोप था कि बसखारी शाखा के ब्रांच मैनेजर राम स्वरूप मिश्रा ने 20.25 लाख रुपये के लोन स्वीकृत किया. पैसे अकाउंट में भेजे गए फिर खाते को होल्ड कर दिया. जब शिकायतकर्ता पूछताछ करने पहुंचे, तो मिश्रा ने 30 हजार रुपये की रिश्वत मांगी.

सौदेबाजी के बाद 25000 रुपये पर सहमति

दरअसल, युपी सरकार की ‘कामधेनु योजना’ के तहत 20,25,000 रुपये का लोन स्वीकृत किया गया था. लोन की एक आंशिक राशि शिकायतकर्ता के खाते में जमा कर दी गई थी. हालांकि, खाते को रोक दिया गया था. इसके बाद शिकायतकर्ता ने खाते पर रोक का कारण जानने के लिए बैंक पहुंचे. जहां राम स्वरूप मिश्रा ने रिश्वत की डिमांड की.

राम स्वरूप मिश्रा ने 30,000 रुपये की रिश्वत की मांग की. सौदेबाजी के बाद 25 हजार रुपये पर सहमति हुई. इसके बाद बैंक मैनेजर ने खाली चेक के माध्यम से रिश्वत लेने की बात की. इस बीच पीड़ित ने इसकी शिकायत CBI से की. जिसके बाद CBI ने ट्रैप लगाकर राम स्वरूप मिश्रा को रंगे हाथों पकड़ा और उससे चेक बरामद कर लिया गया.

सजा के खिलाफ अपील का फैसला किया

जांच के बाद, 31 मार्च को 2017 को आरोप पत्र दायर किया गया था. वहीं, इस मामले की सुनवाई लखनऊ CBI कोर्ट में चल रहा था. वहीं, करीब 8 साल बाद 12 नवंबर, 2025 को बैंक मैनेजर को दोषी ठहराया गया. कोर्ट ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत सजा सुनाई. वहीं, जेल की सजा मिलने के बाद मिश्रा ने अपील का फैसला किया है.