… तो नोएडा में इस वजह से बढ़ रहे हैं रोड एक्सीडेंट, 2000 किलोमीटर सड़कें बनीं ‘डेथ ट्रैप’

नोएडा और ग्रेटर नोएडा को मिलाकर सड़कों की कुल लंबाई करीब 3,251 किलोमीटर है. इसमें से लगभग 2,000 किलोमीटर से अधिक सड़कें ऐसी हैं जहां लेन मार्किंग नहीं है. इन सड़कों से साइन बोर्ड भी गायब है. इस स्थिति के चलते यहां सड़क हादसों का खतरा कई गुना बढ़ गया है.

नोएडा की सड़क ( प्रतीकात्मक तस्वीर)

आधुनिक सड़क नेटवर्क के लिए पहचाने जाने वाले नोएडा और ग्रेटर नोएडा इन दिनों गंभीर सड़क सुरक्षा संकट से जूझ रहे हैं. दोनों शहरों की बड़ी संख्या में सड़कों पर लेन मार्किंग, दिशा-सूचक बोर्ड और स्पीड संकेतों की भारी कमी सामने आई है. इससे कोहरे और रात के समय दुर्घटनाओं का खतरा कई गुना बढ़ गया है.

आंकड़ों के अनुसार नोएडा और ग्रेटर नोएडा को मिलाकर सड़कों की कुल लंबाई करीब 3,251 किलोमीटर है. इसमें से लगभग 2,000 किलोमीटर से अधिक सड़कें ऐसी हैं जहां लेन मार्किंग नहीं है. अगर इनपर लेन मार्किंग है भी तो वह बेहद खराब स्थिति में है. कई स्थानों पर साइन बोर्ड टूट चुके हैं या पेड़ों और झाड़ियों में छिपे हुए हैं. ऐसे में वाहन चालकों को दिशा, कट,मोड़ और गति सीमा की सही जानकारी नहीं मिल पाती.

ग्रेटर नोएडा की सड़कों पर जोखिम ज्यादा

ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में करीब 800 सड़कें हैं, जिनकी कुल लंबाई लगभग 2,000 किलोमीटर बताई जाती है. इनमें से करीब 1,200 किलोमीटर सड़कों पर अब तक स्पष्ट लेन मार्किंग नहीं की गई है. इसके अलावा नोएडा में भी कई सेक्टरों और आंतरिक मार्गों पर लेन मार्किंग घिस चुकी है या पूरी तरह गायब है. खासतौर पर औद्योगिक क्षेत्रों, एक्सप्रेसवे कनेक्टिंग रोड और सेक्टरों के बीच की सड़कों पर स्थिति ज्यादा खराब है.

सड़क पर मार्किंग ना होने से होते है सड़क हादसे

सड़क सुरक्षा विशेषज्ञों की माने तो सड़को पर लेन मार्किंग न होने से वाहन चालक अंदाजे से गाड़ी चलाने को मजबूर होते हैं. इससे गलत ओवरटेकिंग,अचानक ब्रेक लगाने और लेन बदलने की घटनाएं बढ़ जाती हैं जो हादसों की बड़ी वजह बनती हैं. कोहरे के मौसम में समस्या और भी गंभीर हो जाती है. जब दृश्यता 50 मीटर से कम रह जाती है, तब बिना लेन मार्किंग और संकेतों के सड़क पर चलना बेहद खतरनाक हो जाता है. कई जगहों पर स्पीड ब्रेकरों पर भी पेंट या रिफ्लेक्टर नहीं लगे हैं. इससे तेज रफ्तार वाहन अचानक उछल जाते हैं और दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं.

सड़कों पर लेन मार्किंग बेहद जरूरी

वाहन चालकों का कहना है कि सख्त जरूरत है कि नोएडा प्राधिकरण और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण मिलकर सड़कों पर तत्काल लेन मार्किंग, रिफ्लेक्टिव साइन बोर्ड और स्पीड संकेत लगाए, ताकि दुर्घटनाओं पर लगाम लग सके और लोगों की जान सुरक्षित रह सके.

क्या कहते हैं प्राधिकरण के अधिकारी?

इस मामले में प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है की बारिश और कई जगहों पर बन रही सड़क के कारण यह मार्किंग कई जगह से मिट गई है. तेज आंधी और हवाओं से साइन बोर्ड कई जगह से हट गए हैं. इसको फिर लगाया जा रहा है. इसके लिए हमारी कई विशेष टीमें सड़कों का निरीक्षण कर वहां पर मार्किंग की कार्रवाई सुनिश्चित कर रही हैं. प्राधिकरण की पहली प्राथमिकता है कि सड़क पर चढ़ने वाले चालकों को किसी भी तरह की कोई परेशानी ना हो. इसके लिए समय-समय पर इन लेने मार्किंग को फिर से सड़कों पर लगाया जाता है.