कहां मिली दिशा पाटनी के घर फायरिंग करने वालों की आखिरी लोकेशन? CCTV कैमरे में दिखी बदमाशों की बाइक
बरेली में बॉलीवुड अभिनेत्री दिशा पाटनी के घर हुई फायरिंग के बाद फरार बदमाशों की तलाश में पुलिस उत्तराखंड तक पहुंच गई है. पुलिस ने बदमाशों की आखिरी लोकेशन को ट्रेस किया है. यह लोकेशन विलासपुर रोड के पास मिली है. फिलहाल पुलिस सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल डेटा और मुखबिरों की मदद से बदमाशों की पहचान करने में जुटी है.
उत्तर प्रदेश के बरेली स्थित बॉलीवुड एक्ट्रेस दिशा पाटनी के घर पर फायरिंग करने वाले बदमाशों की आखिरी लोकेशन पुलिस ने ट्रैस कर ली है. आखिरी बार बादमाश घटना स्थल से 60 किमी दूर उत्तराखंड के विलासपुर रोड पर भोजपुरा टोल के पास नजर आए थे. हालांकि करीब 40 किमी आगे बहेड़ी टोल पर नहीं पहुंचे. पुलिस को आशंका है कि बदमाशों ने भोजपुरा और बहेड़ी के बीच कहीं हाईवे छोड़ दिया और कच्चे रास्तों से निकल गए. पुलिस को आशंका यह भी है कि बदमाश अभी भोजपुरा और बहेड़ी के बीच ही कहीं छिपे हो सकते हैं.
सीसीटीवी कैमरों के सहारे बदमाशों का पीछा कर रही पुलिस अब मोबाइल डंप और मैन्युअल सर्विलांस की मदद से उनकी सटीक लोकेशन निकालने की कोशिश कर रही है. इसी बीच शीशगढ़-बिलासपुर रोड के पास एक संदिग्ध बाइक पुलिस ने ट्रैस की है. सीसीटीवी कैमरे में नजर आई इस बाइक को देखकर पुलिस ने आशंका जताई है कि यह बाइक बदमाशों की ही है. इस बाइक का भी रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं है और इस पर सवार लोगों की डील डौल भी भी बदमाशों से मिलती जुलती है.
पुलिस ने पकड़ा पैटर्न
इस फुटेज के सत्यापन के लिए बरेली पुलिस की एक टीम उत्तराखंड के रुद्रपुर पहुंची है. इसके अलावा भोजपुरा से बहेड़ी के बीच के गांवों में मुखबिरों को काम पर लगा दिया गया है. बरेली पुलिस ने वारदात में शामिल बदमाशों का पैटर्न ट्रैस कर लिया है. इसमें बदमाश भागते समय बार-बार यू-टर्न ले रहे हैं और रास्ते बदल रहे हैं. आम तौर पर वारदात के बाद भागने का यह पैटर्न लॉरेंस बिश्नोई गैंग के बदमाश खासतौर पर गोल्डी बरार के गुर्गे इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में पुलिस भी इस पैटर्न को ध्यान में रखते हुए आने और जाने के रास्तों का फुटेज एक साथ देख रही है.
इस लिए हो रही मुश्किल
अब तक बरेली पुलिस की एक खास टीम ढाई हजार से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल चुकी है. हालांकि अभी तक बदमाशों की कोई ठोस पहचान पुलिस को नहीं मिली है. बरेली पुलिस के मुताबिक अंधेरा होने और मुंह ढंके होने की वजह से बदमाशों का किसी भी फुटेज में चेहरा नजर नहीं आया है. इसके अलावा बदमाश जिस बाइक पर फरार हुए, उसपर नंबर भी नहीं था.
बनाया आभाषी स्कैच
हालांकि सीसीटीवी कैमरों में दिख रहे बदमाशों के डील डौल के आधार पर उनका एक आभाषी स्वरूप बनाने की कोशिश की गई है. इसी स्वरुप के आधार पर पुलिस 515 बदमाशों से डील डौल का मिलान कर रही है. इसके लिए बरेली पुलिस ने चार राज्यों से बदमाशों का डेटा मंगाया है. इनमें पंजाब-राजस्थान से 335 और हरियाणा-दिल्ली से 180 अपराधियों का डेटा शामिल है.
जमानत पर छूटे बदमाशों पर विशेष फोकस
बदमाशों की तलाश में जुटी पुलिस का मुख्य फोकस उन हार्डकोर क्रिमनल्स पर है, जो हाल फिलहाल में जमानत पर जेल से बाहर आए हैं. पुलिस को कुछ ऐसे इनपुट मिले हैं कि वारदात को अंजाम देने वाले बदमाशों को लॉरेंस गैंग की ओर से जेल में ही जिम्मेदारी मिल गई थी. वहीं गैंग के इशारे पर जेल से छूटने के बाद बदमाशों ने वारदात को अंजाम दिया है. पुलिस को अनुमान है कि फरारी के दौरान खर्चे के लिए बदमाश एटीएम का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसलिए संदिग्ध रूटों पर लगे एटीएम पर लगे सीसीटीवी कैमरों को भी खंगाला जा रहा है. इसके अलावा ऑनलाइन ट्रांजेक्शन पर भी पुलिस की नजर है.