पहलगाम हमले का आरोप, कर लिया था 72 लाख का इंतजाम… डिजिटल अरेस्ट हुई महिला, पुलिस ने बचाया

बरेली की एक महिला को साइबर अपराधियों ने 42 घंटे तक डिजिटल गिरफ्तारी में रखा. उसे पहलगाम हमले में आतंकियों का मदद करने का आरोपी बनाया. इसके बाद मामले को दबाने के लिए पैसे की मांग की गई थी. पुलिस ने एसएसपी के निर्देश पर महिला को छुड़ाया है.

सांकेतिक फोटो

यूपी के बरेली जिले से साइबर अपराध का एक सनसनीखेज मामला सामना आया है. जहां ठगों ने एक रिटार्यड बैंक कर्मी महिला को इसका शिकार बनाया है. साइबर अपराधियों ने महिला को पहलगाम आतंकी मामले के फर्जी आरोप के तरह फंसाया. इसके बाद उससे 70 लाख की मांग की गई और करीब 42 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट में रखा गया.

आरोपियों ने खुद को पुलिस अधिकारी बताकर महिला को डराया कि उसके आधार कार्ड का इस्तेमाल आईएसआई ने सेटेलाइट फोन खरीदने में किया है. उसकी पहचान से आतंकियों की फर्जी आईडी बनी है. इस झूठी कहानी पर महिला ने विश्वास कर लिया और डर से पैसे जुटाने में लग गई. इस पूरे समय उसे अपने ही घर में कैद कर लिया गया.

पहलगाम पुलिस स्टेशन का अधिकारी हूं…

यह घटना बरेली के प्रेमनगर के एकतानगर इलाके की है. पीड़ित महिला का नाम गुलशन कुमारी है. उसे सोमवार दोपहर अज्ञात नंबर से वीडियो कॉल आया. स्क्रीन पर एक व्यक्ति पुलिस की वर्दी और डीआईजी रैंक की टोपी पहने दिखा. उसने खुद को पहलगाम पुलिस स्टेशन का अधिकारी बताया और महिला पर फर्जी सिम कार्ड और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगाए.

आरोपियों ने सख्त लहजे में चेतावनी दी कि अगर उसने यह बात किसी को बताई तो अंजाम बेहद बुरा होगा. महिला के पति का पहले ही निधन हो चुका है. इसलिए अकेलेपन का भी अपराधियों ने फायदा उठाया. महिला से मामला दबाने के लिए तुरंत सोने-चांदी के जेवर, बैंक खाते के पैसे निकालने को बोला गया. महिला ने करीब 70 लाख रुपये का इंतजाम भी कर लिया.

पुलिस ने महिला को गिरफ्त से मुक्त कराया

महिला गुरुवार को महिला की बेटी ने हिम्मत दिखाते हुए इसकी सूचना एसएसपी अनुराग आर्य को दी. निर्देश मिलते ही एसपी सिटी मानुष पारीक टीम के साथ मौके पर पहुंचे और महिला को डिजिटल गिरफ्त से मुक्त कराया. जांच में सामने आया कि कॉल पर दिख रहा पुलिस अधिकारी वास्तव में साइबर ठग था. और महिला एक साइबर ठगी की शिकार हुई है.

पुलिस ने आम लोगों से भी की ये अपील

महिला को सुरक्षित निकालने के बाद पुलिस ने उसे साइबर अपराधों से बचाव के तरीके बताए और भरोसा दिलाया कि उसके साथ अब कोई अनहोनी नहीं होगी. पुलिस ने आमजन से अपील की है कि किसी भी संदिग्ध कॉल पर व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें, और ऐसी किसी घटना पर तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत दर्ज कराएं.