ड्राइवर-पेशकार संग लोन लेने बैंक पहुंची ‘जज’ मैडम, देखते ही मैनेजर ने बुला ली पुलिस; फिर जो हुआ…
उत्तर प्रदेश के बिजनौर में एक महिला को HDFC बैंक से ₹30 लाख का लोन लेने के प्रयास में गिरफ्तार किया गया है. यह महिला खुद को जज बताकर बैंक पहुंची थी और फर्जी दस्तावेज पेश किए थे. बैंक मैनेजर को शक होने पर पुलिस बुलाई गई, जिसने महिला, उसके ड्राइवर और पेशकार को हिरासत में ले लिया है.
उत्तर प्रदेश के बिजनौर में एक हैरान करने वाली घटना हुई है. यहां एचडीएफसी बैंक के ब्रांच में एक महिला 30 लाख रुपये का लोन लेने पहुंची थी. महिला ने खुद को रामपुर की कोर्ट में तैनात जज बताया. लोन के लिए सपोर्टिंग डॉक्यूमेंट के तौर पर 1 लाख 30 हजार सैलरी वाली पे-स्लिप लगाई. साथ में अपना बैंक स्टेटमेंट भी दिया, जिसमें दर्ज था कि 5 लाख रुपये जमा है. यह देखकर बैंक ने भी बिना देरी किए लोन सेंक्शन कर दिया. इसी दौरान बैंक मैनेजर को शक हो गया और पुलिस बुला ली. इसके बाद जो हुआ, उसकी उम्मीद जज बनकर आई उस महिला ने भी नहीं की थी.
पुलिस ने मौके से उस महिला और उसके साथ आए ड्राइवर और पेशकार को हिरासत में ले लिया. वहीं बैंक के बाहर खड़ी उस महिला की जज लिखी गाड़ी को भी सीज कर दिया है. दरअसल यह महिला बैंक के साथ ही धोखाधड़ी कर रही थी. बैंक प्रबंधन ने पुलिस को बताया कि अपना नाम आयशा परवीन बताने वाली इस महिला ने दस दिन पहले ब्रांच में 30 लाख रुपये के पर्सनल लोन के लिए आवेदन किया था. बैंक में इस महिला ने बताया था कि वह मुजफ्फरनगर की रहने वाली है और इस समय उसकी पोस्टिंग रामपुर कोर्ट में है.
मैनेजर को हुआ शक तो खुला मामला
महिला ने बैंक में अपनी सेलरी स्लिप, ज्वाइनिंग लेटर, बैंक स्टेटमेंट आदि जमा किए थे. महिला के साथ पेशकार बनकर बैंक में बिजनौर के किशनवास मंडावर का रहने वाला वकील अनस भी आया था. वहीं ड्राइवर पीछे खड़ा था. बैंक प्रबंधन ने महिला के डॉक्यूमेंट और प्रोफाइल देखकर लोन पास कर दिया और शुक्रवार को 30 लाख की रकम उसके खाते में ट्रांसफर करने की तारीख दी थी. ऐसे में शुक्रवार को यह महिला बैंक में पहुंच गई. इसी दौरान बैंक मैनेजर को शक हो गया. इसके बाद उसने तुरंत पुलिस बुला ली. वहीं पुलिस ने जब पूछताछ की तो धोखाधड़ी का मामला खुल कर सामने आ गया.
इस लिए हुआ शक
बैंक अधिकारियों के मुताबिक महिला ने अपनी पोस्टिंग रामपुर में बताई थी, लेकिन सेलरी अकाउंट की डिटेल देहरादून की शाखा का दिया. फिर खुद का निवास मुजफ्फरनगर बताई और पर्सनल लोन लेने बिजनौर के बैंक से आई. इससे बैंक प्रबंधन को शक हुआ. इसके बाद बैंक मैनेजर ने महिला के खाते की जांच कराई तो पता चला कि उसके कोई सैलरी नहीं आती. वहीं पांच लाख रुपये नहीं, बल्कि उसके खाते में महज 40 हजार का बैलेंस पाया गया. इसी प्रकार एक लाख तीस हजार रूपये की सेलरी स्लिप भी फर्जी पाई गयी.
ये हुआ खुलासा
बिजनौर के एसपी सिटी कृष्ण गोपाल सिंह के मुताबिक महिला आयशा परवीन मुजफ्फरनगर की ही रहने वाली है. बिजनौर के किशनवास मंडावर निवासी वकील अनस उसके साथ ही देहरादून में पढ़ाई करता है और दोनों पीसीएस-जे की तैयारी कर रहे थे. काफी प्रयास के बाद भी इन दोनों का सिलेक्शन नहीं हुआ तो ये लोग फर्जी जज बनकर धोखाधड़ी करने लगे थे. उन्होंने बताया कि इन आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर अरेस्ट कर लिया गया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.