उत्पीड़न से वरिष्ठ लिपिक ने नदी में कूदकर दी जान, सुसाइड नोट में ‘सैफई’ के जिक्र से पुलिस में हलचल

नगर पालिका परिषद इटावा के वरिष्ठ लिपिक राजीव यादव ने नदी पुल से छलांग लगाकर जान दे दी. वह 31 अक्टूबर को रिटार्यड होने वाले थे. उनके घर से सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें सैफई परिवार के करीबियों पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया है.

इटावा के क्लर्क ने यमुना नदी में लगाई छलांग Image Credit:

नगर पालिका परिषद इटावा के वरिष्ठ लिपिक एवं कर्मचारी वेल्फेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष राजीव यादव ने शुक्रवार सुबह यमुना नदी पुल से कूदकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली. एसडीआरएफ टीम और क्षेत्रीय गोताखोर नदी में सर्च अभियान चला रहे हैं. नदी किनारे मिले उनकी बाइक और चप्पल से राजीव यादव की पहचान हुई है.

राजीव यादव 31 अक्टूबर 2025 को सेवा मुक्त होने वाले थे. बताया जा रहा है कि उनका प्रमोशन का मामला अटका हुआ था. हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी उनको प्रमोशन नहीं दिया गया. साथ ही उनका वेतन भी रोक दिया गया है. वहीं, पुलिस को उनके घर से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है, जिसमें सैफई परिवार के करीबियों का नाम सामने आया है.

सुसाइड नोट में इन पांच लोगों पर लगाया आरोप

मृतक राजीव यादव ने अपने सुसाइड नोट में अत्महत्या की वजह मानसिक उत्पीड़न बताया है. इसमें समाजवादी पार्टी की महिला चेयरमैन ज्योति गुप्ता और उनके पति पूर्व चेयरमैन कुलदीप गुप्ता, ईओ संतोष मिश्रा, रिटायर्ड कर्मचारी सुनील वर्मा और अतर सिंह सेंगर को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया गया है.

थाना कोतवाली पुलिस मामले की जांच कर रही है. मामला सैफई परिवार के करीबियों से जुड़े होने को लेकर पुलिस प्रशासन सतर्कता बरत रहे हैं. राजीव यादव के बेटे सिद्धार्थ यादव ने बताया, ‘घर से बरामद सुसाइड नोट में साफ लिखा है कि इन लोगों की प्रताड़ना से पापा ने यह कदम उठाया. अगर पापा नहीं मिलते हैं, तो हम सीएम योगी से सभी दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करेंगे.’

झूठी शिकायत पर मानसिक उत्पीड़न किया

सुसाइड नोट में लिखा है कि मृतक ने ज्योती गुप्ता से कार्यालय अधीक्षक के पद का प्रमोशन मांगा. प्रमोशन नहीं मिलने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की शरण ली. इसलके बाद कोर्ट ने उनके विरुद्ध कन्टैम्प की कार्यवाही शुरू की. इसी के बाद, आरोप है कि चेयरमैन और उनके पति ने अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर उनके खिलाफ झूठी जांच बिठाई और प्रताड़ित किया.

आरोप है कि ईओ संतोष कुमार से चार नोटिस दिलवाकर उनका मानसिक उत्पीड़न किया. साथ ही अगस्ट का वेतन भी रोक दिया गया. जिसके कारण उनकी दिमागी और शारीरिक हालत खराब हो गई थी. इसी उत्पीडन से परेशान होकर वह आत्महत्या कर रहे हैं. इसमें सीएम योगी से पांचों आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है.