सावधान! दिल्ली ब्लास्ट का डर दिखाकर हो रही साइबर ठगी, नकली ATS बन किया ‘डिजिटल अरेस्ट’; ऐंठे लाखों रुपये

शातिर साइबर ठगों ने अब एक नया तरीका अपनाया है. लोगों को 'दिल्ली बम ब्लास्ट' का डर दिखाकर साइबर ठगी का शिकार बनाया जा रहा है. ताजा मामला कानपुर से आया है, जहां एक महिला 'डिजिटल अरेस्ट' का शिकार हुई हैं. ठगों ने खुद को ATS अधिकारी बताकर लाखों का चुना लगाया है.

सांकेतिक तस्वीर

साइबर ठगों ने एक बार फिर नया हथकंडा अपनाते हुए कानपुर की एक महिला को ‘डिजिटल अरेस्ट’ के झांसे में फंसाया. महिला को धमकाया और फर्जी दस्तावेजों से डराकर 6 लाख 66 हजार रुपये ठग लिए. ठगों ने महिला को डराने के लिए दिल्ली बम धमाके का हवाला दिया. साथ ही खुद को ATS (एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड) का अधिकारी बताया.

एडीसीपी ईस्ट क्राइम अंजनी विश्वकर्मा ने सोमवार को इस सनसनीखेज मामले का खुलासा किया. उन्होंने बताया कि 9 नवंबर को पीड़िता के मोबाइल पर एक अज्ञात नंबर से कॉल आया. कॉल करने वाले शख्स ने अपना नाम दिल्ली एटीएस का अधिकारी बताते हुए कहा कि महिला का नाम एक बड़े आतंकी साजिश में जुड़ा हुआ है और बम ब्लास्ट से संबंधित है.

वीडियो कॉल पर ‘डिजिटल अरेस्ट’ में रही महिला

आरोपी ने पीड़ित महिला को फर्जी दस्तावेज दिखाए. उसने महिला को चेतावनी दी कि अगर उसने किसी को यह बात बताई या फोन काटा तो तुरंत गिरफ्तार कर लिया जाएगा. फिर उसका पूरा परिवार खतरे में पड़ जाएगा. डर के मारे महिला वीडियो कॉल पर ‘डिजिटल अरेस्ट’ में रही और ठगों को पैसे ट्रांसफर कर दिए.

ठगों ने पहले महिला के बैंक खातों की डिटेल हासिल कर ली. फिर अलग-अलग ट्रांजेक्शन के जरिए कुल 6,66000 रुपये अपने खातों में ट्रांसफर करवा लिए. जब महिला को ठगी का एहसास हुआ तो उसने तुरंत कानपुर साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद साइबर ठगी का यह नया खेल उजागर हुआ.

कई संदिग्ध खातों को फ्रीज किया जा रहा

एडीसीपी अंजनी विश्वकर्मा ने बताया कि यह देशभर में सक्रिय फर्जी गैंग का नया तरीका है. ठग पहले आतंकवाद, मनी लॉन्ड्रिंग या ड्रग्स तस्करी जैसे गंभीर आरोप लगाते हैं, फिर डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाकर पैसे ऐंठते हैं. पुलिस ने संबंधित ट्रांजेक्शन की पूरी चेन खंगालनी शुरू कर दी है. कई संदिग्ध खातों को फ्रीज किया जा रहा है.

ऐसे फर्जी कॉल से सावधान रहने की अपील

कानपुर पुलिस ने आमजन से अपील की है कि कोई भी व्यक्ति यदि स्वयं को सीबीआई, एटीएस, रॉ, आईबी या किसी कोर्ट का अधिकारी बताकर वीडियो कॉल पर पहचान पत्र दिखाए और पैसे मांगे तो तुरंत विश्वास न करें. पुलिस ने लोगों को ऐसे फर्जी कॉल से सावधान रहने और तुरंत 112 या 1930 पर शिकायत करने की अपील की है.