कांवड़ यात्रा में ‘लोन वुल्फ’ अटैक की साजिश बेनकाब, सामने आया PAK कनेक्शन; नेशनल एजेंसीज सक्रिय
उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर में कांवड़ यात्रा के दौरान दंगे भड़काने की बड़ी साज़िश का पर्दाफ़ाश हुआ है. पुलिस ने साइबर सर्विलांस के ज़रिए तीन आतंकियों को गिरफ़्तार किया है. ये आतंकी पाकिस्तान में बैठे हैंडलर के निर्देश पर 'लोन वुल्फ़' हमले की योजना बना रहे थे. पुलिस ने इनके पास से भड़काऊ वीडियो और आपत्तिजनक सामग्री बरामद की है. इनपर UAPA और आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.

उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर में कांवड़ यात्रा में दंगा भड़काने और नफरत फैलाने की बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है. साइबर सर्विलांस की मदद से पुलिस ने ककरौली थाना क्षेत्र से तीन आतंकियों को अरेस्ट किया है. ये आतंकी पाकिस्तान में बैठे अपने हैंडलर के इशारे पर ‘लोन वुल्फ’ अटैक की साजिश को अंजाम देने की फिराक में थे. पुलिस ने इन आतंकियों के मोबाइल फोन से इस साजिश से संबंधित कई वीडियो, फोटोज और आपत्तिजनक मैसेज बरामद किए हैं.
यह सभी भड़काऊ वीडियो और आपत्तिजनक सामग्री विभिन्न व्हाट्सएप ग्रुपों के जरिए वायरल की जा रही थी. इस साजिश के तहत वीडियो में महिलाओं और बच्चों की निर्मम हत्या दिखाकर समाज में नफरत फैलाया जाना था. पुलिस की जांच में पता चला है कि यह पूरी साजिश पाकिस्तान में बैठे आतंकी संगठनों ने रची और हैंडलर के जरिए भारत में बैठे स्लीपर सेल के जरिए अंजाम देने की कोशिश हो रही थी. मुजफ्फरनगर पुलिस ने के मुताबिक सीधे तौर पर इसमें आतंकी और राष्ट्रविरोधी संगठनों की भूमिका नजर आ रही है.
यूएपीए की धाराओं में पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा
फिलहाल पुलिस ने पकड़े गए आतंकियों के खिलाफ UAPA, आईटी एक्ट समेत अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. पुलिस इस मामले में फॉरवर्ड-बैकवर्ड लिंक की भी जांच कर रही है. पुलिस ने बताया कि पकड़े गए आतंकियों की पहचान नदीम, मनोशेर और रहीस के रूप में हुई है. पुलिस का आरोप है कि ककरौली के रहने वाले यह तीनों युवक स्लीपर सेल के हिस्से हैं. पुलिस ने इनके Kakrauli Yuva Ekta समेत पांच वाट्सऐप ग्रुप चिन्हित किए हैं. इन्हीं ग्रुपों के जरिए ये भड़काऊ पोस्ट प्रसारित करते थे.
फोरेंसिक जांच में मिले अहम सुराग
पुलिस का दावा है कि वॉयस एनालिसिस और इनके मोबाइल फोन की फॉरेंसिक जांच में कई अहम और पुख्ता सुराग हाथ लगे हैं. पुलिस की जांच में पता चला है कि इन लोगों ने जिस वीडियो को वायरल किया था, वह वीडियो मुज़फ्फरगढ़ (पाकिस्तान) का है और इस वीडियो का समय अप्रैल 2024 का है. इसी वीडियो के सहारे आतंकी संगठन भारत में दंगा और आतंकी घटनाओं की सीरीज शुरू करने की तैयारी में थे. हालांकि लोकल पुलिस और यूपी एटीएस की सतर्कता से इस पूरे मामले का खुलासा हो गया है. डीआईजी सहारनपुर अभिषेक सिंह के मुताबिक पूरे मामले का खुलासा होने के बाद नेशनल एजेंसियां भी मामले की जांच कर रही हैं.



