मस्जिद में अखिलेश की बैठक को लेकर संग्राम, BJP बोली- ये सपा का नया कार्यालय; SP ने भी दिया करार जवाब

दिल्ली में एक मस्जिद में समाजवादी पार्टी नेताओं की कथित बैठक को लेकर भाजपा और सपा के बीच तीखा विवाद शुरू हो गया है. भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा ने एक तरफ जहां अखिलेश यादव की तस्वीर साझा करते हुए मस्जिद को ही सपा का नया कार्यालय बताया है, वहीं अखिलेश यादव ने पलटवार करते हुए कहा कि वह आस्था से जुड़े हैं.

मस्जिद में अखिलेश यादव की बैठक

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में संसद भवन के पास वाली मस्जिद में सपा नेताओं की कथित बैठक को लेकर संग्राम छिड़ गया है. बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा की ओर से इस बैठक में मौजूद सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की एक तस्वीर शेयर किया गया है. इसमें लिखा है कि अब मस्जिद ही सपा का नया कार्यालय है. इसके जवाब में अखिलेश यादव ने कड़ी प्रतक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि आस्था जोड़ती है और जो आस्था जोड़ने का काम करती है हम उसके साथ है.

बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा ने इस बैठक पर आपत्ति जताते हुए इसके विरोध का ऐलान किया है. कहा कि मस्जिद में हुई इस बैठक में खुद अखिलेश यादव तो मौजूद हैं ही, उनके साथ समाजवादी पार्टी के कई सांसद भी हैं. अल्पसंख्यक मोर्चा की ओर से जारी की गई तस्वीर में इस मस्जिद के इमाम और रामपुर के सांसद मोहिबुल्लाह नदवी भी नजर आ रहे हैं. बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा की ओर से कहा गया है कि 25 जुलाई को जुमे की नमाज के बाद इसी मस्जिद में मोर्चा के पदाधिकारी जुटेंगे और इस बैठक का विरोध करेंगे.

अखिलेश यादव ने किया पलटवार

बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के इस बयान पर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि आस्था जोड़ती है और जो आस्था जोड़ने का काम करती है वह उसके साथ हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी तो चाहती ही है कि लोगों के बीच दूरियां बनी रहें. उन्होंने कहा कि वह सभी धर्मों में आस्था रखते हैं. उन्होंने बीजेपी पर धर्म को हथियार बनाने का भी आरोप लगाया. अखिलेश यादव यहीं नहीं रूके, उन्होंने कहा कि सपा के नेतृत्व में जो भी काम शुरू कराए गए थे, बीजेपी ने उन्हें रोक दिया.

बिजली को लेकर यूपी सरकार को घेरा

इस मौके पर अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में बिजली कटौती को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश की. कहा कि बिजली मंत्री जहां जा रहे हैं, वहीं बिजली चली जा रही है. यह मामला उत्तर प्रदेश के हालात बताने के लिए काफी है. इस दौरान उन्होंने चुनाव आयोग पर चुटकी लेते हुए कहा कि आयोग पर हमेशा सवाल उठते रहे हैं, लेकिन आयोग को सुनिश्चित करनी चाहिए कि किसी का भी वोट ना छूटे.

विवाद में उत्तराखंड वक्फ बोर्ड भी कूदा

मस्जिद में कथित बैठक के मामले में अब उत्तराखंड वक्फ बोर्ड भी विरोध में आ गया है. बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने कहा कि यह सीधे तौर पर मुसलमानों की भावनाओं को आहत करने वाला है. इसके लिए उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव को माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने कहा कि मस्जिदें नमाज पढ़ने के लिए होती है, ना कि सियासी चर्चा के लिए. इसी क्रम में उन्होंने सपा नेता धमेंद्र यादव को भी निशाने पर लिया. कहा कि ये तस्वीरें नदवी के दिल्ली स्थित आवास की है. इस संबंध में धमेंद्र यादव को झूठ नहीं बोलना चाहिए.