जेल में बंद आजम खान और अब्दुल्ला ने परिवार से मिलने से किया इनकार, खाली हाथ लौटे पत्नी-बेटे

आजम खान की पत्नी व पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ. तजीन फात्मा, बड़े बेटे अदीब आजम और बहन निखहत हसन उनसे मुलाकात के लिए रामपुर जेल पहुंचे थे. लेकिन आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला ने परिवार से मिलने से इनकार कर दिया.

आजम खान और अब्दुल्ला Image Credit:

रामपुर जेल में दो जन्म प्रमाण पत्र और दो पैन कार्ड मामले में सात-सात साल की सजा काट रहे सपा के कद्दावर नेता आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम ने बुधवार यानी 3 दिसंबर को अपने ही परिवार से मिलने से साफ इनकार कर दिया. इससे परिवार के सदस्यों को गहरा सदमा लगा है.

दोपहर आजम खान की पत्नी व पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ. तजीन फात्मा, बड़े बेटे अदीब आजम और बहन निखहत हसन खास मुलाकात के लिए रामपुर जेल पहुंचे थे. उन्होंने जेल प्रशासन से निर्धारित समय पर मुलाकात की अर्जी भी दी. लेकिन कुछ देर बाद जेल अधिकारियों ने बताया कि आजम खान और अब्दुल्ला आजम ने परिवार से मिलने से मना कर दिया है.

किसी से भी मिलना नहीं चाहते पिता-पुत्र

इसके बाद तीनों सदस्य बिना मुलाकात किए निराश होकर वापस लौट गए. जेल सूत्रों का कहना है कि पिछले कई दिनों से दोनों पिता-पुत्र किसी से भी मिलना नहीं चाहते. रोजाना दर्जनों समर्थक और रिश्तेदार जेल पहुंच रहे हैं, लेकिन दोनों ने हर किसी से मिलने से इनकार कर रखा है. जेल प्रशासन भी इस पूरे मामले पर चुप्पी साधे हुए है और कोई आधिकारिक बयान नहीं दे रहा.

कोर्ट में भी नहीं हुई सुनवाई

इधर, आजम खां और अब्दुल्ला के खिलाफ चल रहे अन्य मामलों में भी बुधवार यानी 3 दिसंबर को कोई प्रगति नहीं हुई. फांसी घर की जमीन कब्जाने के मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई होनी थी, लेकिन नहीं हो सकी. अब अगली तारीख 23 दिसंबर तय की गई है. इसी तरह अब्दुल्ला आजम के खिलाफ वोटरों को धमकाने के मामले में भी गवाह कोर्ट नहीं पहुंचा, जिस कारण सुनवाई टल गई. इस मामले की अगली तारीख भी 23 दिसंबर ही रखी गई है.

55 दिन ही बाहर रह पाए थे आजम

आजम खान 23 सिंतबर को 23 महीने के बाद रिहा हुए. आजम 55 दिन ही बाहर रह पाए. दरअसल, आजम और उनके बेटे व पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम को दो पैनकार्ड रखने के मामले में दोषी ठहराते हुए सात वर्ष कैद की सजा सुनाई. फिर दोबारा 55 दिनों बाद उन्हें जेल जाना पड़ा.