बिहार के इकलौते BSP विधायक ने मायावती से की मुलाकात, घुटनों पर बैठकर जताया आभार; फोटो वायरल

बिहार चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (BSP) को सिर्फ़ एक विधानसभा सीट मिली. इस बीच, बिहार के अकेले BSP MLA सतीश यादव ने मायावती से मुलाकात की. उन्हें घुटनों के बल बैठकर BSP सुप्रीमो का शुक्रिया अदा करते देखा गया, जिससे सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई.

बिहार के बसपा विधायक सतीश यादव मायावती से मिले Image Credit:

बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती से बिहार के इकलौते नवनिर्वाचित बसपा विधायक सतीश कुमार सिंह यादव ने बुधवार को दिल्ली स्थित पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में मुलाकात की. इस मुलाकात की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गईं, जिसमें सतीश यादव मायावती के सामने घुटनों के बल बैठे नजर आ रहे हैं और बसपा सुप्रीमो कुर्सी पर बैठकर मुस्कुराते हुए आशीर्वाद देती दिख रही हैं.

यह तस्वीर जैसे ही सामने आई, सोशल मीडिया पर मीम्स की बाढ़ आ गई. कोई इसे ‘बहुजन संस्कृति और गुरु-शिष्य परंपरा’ का प्रतीक बता रहा है. तो विपक्षी खेमे इसे टदासता की पराकाष्ठाट तक कहकर ट्रोल कर रहे हैं. हालांकि BSP समर्थकों ने इसे नेता के प्रति सम्मान और कृतज्ञता का भाव बताया है.

सिर्फ 30 वोटों से मिली ऐतिहासिक जीत

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में BSP ने रामगढ़ (कैमूर) सीट पर महज 30 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी. सतीश यादव ने BJP के अजय सिंह और RJD के उम्मीदवार सुधाकर सिंह को कड़े त्रिकोणीय मुकाबले में हराया. मायावती ने स्वयं इस सीट पर चुनाव प्रचार किया था और एक बड़ी रैली को संबोधित किया था.

सतीश यादव ने मुलाकात में स्पष्ट कहा, ‘बहन जी ने मुझ पर भरोसा जताया और टिकट दिया. उनका विश्वास और रैली का असर ही मेरी जीत का सबसे बड़ा कारण बना. मैं जीवनभर उनका ऋणी रहूंगा.’ इस दौरान उन्होंने मतगणना के दिन हुई हिंसा पर गंभीर चर्चा की, जहां बसपा कार्यकर्ताओं पर FIR दर्ज हुई है.

मतगणना के दिन हुई हिंसा पर खासा गुस्सा

मुलाकात से पहले BSP के केंद्रीय कार्यालय में बिहार सहित कई राज्यों के पदाधिकारियों की अहम समीक्षा बैठक हुई, जिसकी अध्यक्षता स्वयं मायावती ने की. बैठक में बिहार से नवनिर्वाचित विधायक सतीश यादव, राज्यसभा सांसद रामजी गौतम, बिहार प्रदेश प्रभारी कुमार पटेल, प्रदेश अध्यक्ष शंकर महतो समेत तमाम वरिष्ठ नेता मौजूद रहे.

बैठक का सबसे अहम मुद्दा रहा – 14 नवंबर को मतगणना के दिन रामगढ़ और आसपास के इलाकों में हुई हिंसा. BSP नेताओं ने आरोप लगाया कि विरोधी दलों के असामाजिक तत्वों ने मतगणना केंद्र के बाहर उपद्रव किया. BSP विधायक की गाड़ी सहित प्रशासनिक वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया गया.

प्रस्ताव पारित कर निष्पक्ष जांच की मांग की

हालात बेकाबू होने पर पुलिस ने रात में लाठीचार्ज किया, जिसमें BSP के दर्जनों कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हुए. पार्टी का आरोप है कि पुलिस ने एकतरफा कार्रवाई करते हुए करीब 250 नामजद BSP कार्यकर्ताओं और 1000 अज्ञात लोगों पर FIR दर्ज कर ली है. पार्टी ने प्रस्ताव पारित निष्पक्ष जांच और भेदभावपूर्ण कार्रवाई रोकने की मांग की है.

मायावती ने साफ चेतावनी दी है कि यदि जरूरत पड़ी तो यह मुद्दा पार्टी बड़े स्तर पर उठाएंगी. साथ ही कहा कि जांच पूरी होने तक किसी भी BSP कार्यकर्ता की गिरफ्तारी न हो. बैठक में सिर्फ बिहार ही नहीं, झारखंड, महाराष्ट्र, ओडिशा, गुजरात आदि राज्यों में पार्टी की स्थिति की भी समीक्षा हुई. जिसमें पार्टी संगठन को मजबूत करने पर जोर दिया गया.