‘इसीलिए मैंने कहा बटोगे तो…’, कथावाचक वाले मामले पर अब CM योगी ने सपा को घेरा

यूपी में कथावाचक वाले मामले पर बीजेपी और सपा नेताओं के आरोप-प्रत्यारोप से राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है. पिछले दिनों अखिलेश यादव ने इसको लेकर सरकार पर हमला बोला. वहीं, अब सीएम योगी ने इसपर सपा को घेरा है. उन्होंने कहा, 'इसीलिए मैंने कहा 'बटोगे तो काटोगे, एक रहोगे तो नेक रहोगे.'

सीएम योगी और अखिलेश यादव

उत्तर प्रदेश में कथावाचक वाले मामले पर सियासी घमासान जारी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को समाजवादी पार्टी पर जातिगत विभाजन पैदा करने का आरोप लगाया है. उन्होंने बिना नाम लिए सपा पर जाति के नाम पर वोट बैंक की राजनीति करने को लेकर निशाना साधा. सीएम योगी ने कहा कि जाति के नाम पर समाज को बांटने वाले वही लोग हैं, जिन्होंने सत्ता में रहते हुए माफियाओं के आगे घुटने टेक दिए.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह टिप्पणी दानवीर भामाशाह जयंती और व्यापारी कल्याण दिवस पर लोकभवन में आयोजित समारोह में की. सीएम योगी ने कहा कि इन लोगों ने सत्ता में रहते हुए माफियाओं के आगे घुटने टेक दिए थे और सत्ता को गिरवी रख दिया. जाति के नाम पर वोट बैंक की राजनीति करने वाले आज भी घूम-घूम कर समाज को बांट रहे हैं. यूपी में मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने भी कथावाचक मामले में सपा पर हमला बोला है.

इसीलिए मैंने कहा ‘बटोगे तो काटोगे’- CM योगी

सीएम योगी की सपा पर यह टिप्पणी भी उसी मामले में आरोप-प्रत्यारोप के बीच आई है. इससे एक दिन पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी सीएम योगी पर इसको लेकर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि जातीय संघर्ष वही लोग कराना चाहते हैं जो भगवान को भी अपने जाती से जोड़ देते हैं. ये लोग समाज में दीवार खड़ी करके राजनीति करना चाहते हैं. इसी पर पलटवार करते हुए सीएम योगी ने सपा पर निशाना साधा है.

उन्होंने यह भी कहा, ‘पहले नौकरी के नाम पर पैसे ऐंठते थे, अब जाति के नाम पर बांट रहे हैं. इसीलिए मैंने कहा ‘बटोगे तो काटोगे, एक रहोगे तो नेक रहोगे.’ इटावा में 22 जून को भागवत पाठ करने को लेकर यादव कथावाचक और उनके साथियों से मारपीट की गई थी. जिसके बाद से ये मामला राजनीतिक रूप ले लिया है. इस बीच कथावाचक वाले विवाद पर बीजेपी नेता और योगी कैबिनेट के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने भी प्रतिक्रिया दी है.

दिनेश प्रताप सिंह ने क्या कुछ कहा?

दिनेश प्रताप सिंह ने फेसबुक पोस्ट पर कहा कि पहले सत्ता पाने का रास्ता सामाजिक सरोकारों से जुड़ी नीतियों के खिलाफ आंदोलन चलाकर हुआ करता था. लेकिन आज के दौर में जातिवादी जहर फैलाकर सत्ता प्राप्त का माध्यम बनता जा रहा है. इतिहास में ऐसा दौर इससे पहले कभी नहीं आया. अगर इस तरह सत्ता प्राप्त भी कर ली जाए तो क्या उसका सुख समाज और आगे की पीढ़ियां भोग पाएंगी?

उन्होंने आगे कहा कि आज के दौर में एक जाति के दो-दो परिचय पत्र बनाकर समाज को धोखा देकर अपराध करने वाले को कोई बुरा कहने की नैतिकता नहीं दिखा पा रहा है, बल्कि उसे मंचों से सम्मान दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अगर ब्राह्मण समाज के किसी एक व्यक्ति ने गलती भी की हो, लेकिन बदले में जितनी गंदी-गंदी गालियां पूरे ब्राह्मण समाज को दी जा रही हैं. सिर्फ सत्ता का ख्वाब देखकर इतना अहंकार हो गया सत्ता में आएंगे तो क्या करेंगे?