13 साल की उम्र में बनी साध्वी, 10 महीने आश्रम में रही; अब परिवार में लौटी आगरा की राखी
आगरा की 13 वर्षीय राखी प्रयागराज महाकुंभ में साध्वी बनी और 10 महीने हरियाणा के आश्रम में बिताए. परिजनों की कोशिशों और पुलिस व मनोवैज्ञानिकों की काउंसलिंग के बाद, अब उसने संन्यास छोड़कर वापस गृहस्थ जीवन में लौटने का फैसला किया है. राखी की घर वापसी से उसके परिवार ने राहत की सांस ली है.
प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान साध्वी बनी 13 साल की बच्ची राखी आखिरकार परिवार में लौट आई है. बाली उम्र में मोह-माया छोड़कर साधु बनने, फिर 10 महीने तक हरियाणा के आश्रम में रहने के बाद राखी के घर लौटने का फैसला आसान नहीं था. हालांकि परिजनों की लगातार कोशिश और पुलिस के मनोवैज्ञानिकों की टीम ने साध्वी राखी की खूब काउंसलिंग की. अब राखी सन्यास छोड़कर वापस गृहस्थ जीवन में लौटने को तैयार हो गई है. उसके इस फैसले से उसके परिजनों ने राहत की सांस ली है.
आगरा की रहने वाली राखी का पूरा परिवार सनातन के प्रति गहरी आस्था रखता है. घर में पूजा पाठ होते देखकर राखी का झुकाव भी सनातन के प्रति हुआ और धीरे धीरे उसके अंदर वैराग्य का भाव पैदा हो गया. इसी बीच प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन हुआ तो राखी भी अपने माता-पिता के साथ त्रिवेणी में डुबकी लगाने पहुंची, जहां उसने साध्वी बनने का फैसला कर लिया. यही नहीं, महाकुंभ से ही हरियाणा के कौशल किशोर आश्रम चली गई.
आश्रम में रही 10 महीने
परिजनों के मुताबिक खेलने खाने की उम्र में बनी साध्वी राखी ने महाकुंभ में साधु वेष धारण कर लिया था. इसके बाद वह 10 महीने तक हरियाणा के आश्रम में रही. हालांकि इस दौरान परिवार के लोग लगातार उसके संपर्क में रहे और अपने स्तर पर उसे वापस लौटने के लिए प्रयास करते रहे. लेकिन भक्ति पथ पर काफी आगे निकल चुकी राखी ने परिजनों को साफ मना कर दिया. यहां तक कि बार बार संपर्क ना करने तक के लिए कह दिया.
पुलिस ने कराई काउंसलिंग
परेशान होकर परिजनों ने पुलिस से गुहार लगाई. अपनी बेटी को वापस लौटाने की गुहार की. इसके बाद एक्टिव हुई आगरा पुलिस हरियाणा के आश्रम से इस बच्ची को लेकर आगरा लौटी और उसे समझाने के लिए मनोवैज्ञानिकों के साथ धर्म के जानकारों की टीम लगाई. इस टीम ने कई दिनों तक इस बच्ची की काउंसलिंग की और उसे गृहस्थ आश्रम से लेकर सन्यास तक के सभी पहलुओं को विस्तार से समझाया. इसके बाद इस बच्ची ने घर वापसी का फैसला लिया है.
