भारत 2050 तक बने गजवा-ए-हिंद! स्लीपर सेल का ‘दावा’; सामने आया आगरा धर्मांतरण केस का PAK कनेक्शन
आगरा धर्मांतरण मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. जांच में पता चला है कि पाकिस्तान से जुड़े एक गिरोह ने 2050 तक भारत में गजवा-ए-हिंद की योजना बनाई थी. इसी योजना के तहत स्लीपर सेल के ज़रिए ब्रेनवॉश करके धर्मांतरण कराया जा रहा था. जम्मू-कश्मीर के छात्रों को इसमें अहम भूमिका सौंपी गई थी.

आगरा धर्मांतरण केस में बड़ा खुलासा हुआ है. मामले की जांच में पता चला है कि योजनावद्ध तरीके से लोगों का ब्रेनवॉस कर उनका कनवर्जन कराया जा रहा है. लक्ष्य साल 2050 तक पूरे भारत में इस्लाम का राज स्थापित करना था. इसके लिए अलग अलग राज्यों और अलग अलग शहरों में स्लीपर सेल को एक्टिव किया गया है. इनमें खासतौर पर जम्मू और कश्मीर के छात्रों को ‘दावा’ की जिम्मेदारी दी गई है. यह दावा ब्रेनवॉस की एक प्रक्रिया है.
आरोप है कि दावा के तहत गैर इस्लामिक लोगों को उनकी भाषा और बोली इस्लाम की कुछ अच्छी बातें बताई जाती हैं. वहीं जब लोग भ्रमित हो जाते हैं तो उन्हें सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तान में बैठे लोगों से कनेक्ट करया जाता है और फिर उनका कनर्वजन कराया जाता है. इस योजना को समूचे देश में अमलीजामा पहनाने के लिए इस गैंग के लोगों ने सोशल मीडिया के जरिए देश भर में अभियान छेड़ रखा था. गैंग से जुड़े लोग सोशल मीडिया के माध्यम से सूचनाओं का आदान प्रदान करते हैं.
जम्मू कश्मीर के छात्रों को बनाया स्लीपर सेल
मामले की जांच से जुड़े पुलिस अधिकारियों के मुताबिक इस गिरोह का सारा काम ऑनलाइन चल रहा था. पुलिस ने कई ऐसे ऐप ट्रेस किए हैं, जिनके जरिए गैंग के लोग पाकिस्तान में बैठे अपने हैंडलर से संपर्क करते थे. आगरा के पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार के मुताबिक इस गैंग के स्लीपर सेल में ज्यादातर जम्मू कश्मीर के छात्र हैं. ये छात्र कॉलेज, हॉस्टल या शहरों में लोगों से दोस्ती करते हैं, अपने जाल में फंसाते हैं और फिर दावा यानी उनका ब्रेनवॉस कर अपने आका से कनेक्ट कराते हुए धर्मांतरण कराते हैं.
दावा के तहत करते हैं ब्रेनवॉस
इस गैंग के लोगों का कहना है कि इस्लाम में ‘दावा’ का अर्थ आमंत्रण है. इसमें गैर मुस्लिम लोगों को इस्लाम में आमंत्रित किया जाता है. इसके लिए ज्ञान, बुद्धि, सौम्यता और तर्कपूर्ण संवाद आदि विधियां हैं. इसमें मुख्य बात यह है कि इस प्रक्रिया के तहत लोगों के दिमागमें उनके धर्म की बुराई और इस्लाम की अच्छाई को फीड करना है. यह खुलासा बरेली की युवती सुमैया ने पुलिस की पूछताछ में किए हैं. देहरादून में रहकर पढ़ाई कर रही सुमैया का इसी तरह से धर्मांतरण कराया गया था. उसने पुलिस की पूछताछ में बताया कि इस गिरोह का असली मकसद गजवा-ए-हिंद है.



