UP में धर्मांतरण का नया अड्डा! ईसाई बनाने का ऐसा तरीका, सुनकर चौंक जाएंगे आप; गूगल मीट पर होती थी प्रार्थना सभा

आगरा में धर्मांतरण के एक नए और बड़े गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है. पुलिस ने इस गिरोह के सरगना समेत 8 लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरोह के लोग गरीबों और दलितों को झांसे में लेकर ईसाई धर्म अपनाने के लिए मजबूर करते थे. इनकी गूगल मीट पर प्रार्थना सभाएं होती थीं. यूट्यूब पर प्रचार किया जाता था.

आगरा पुलिस की गिरफ्त में आरोपी राजकुमार

उत्तर प्रदेश में लाख सख्ती के बावजूद धर्मांतरण के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे. यहां आगरा में धर्मांतरण के एक नए अड्डे का खुलासा हुआ है. इस अड्डे पर दूसरे धर्म के लोगों को ईसाई बनाया जा रहा था. लोगों को झांसा दिया जाता था कि धर्म परिवर्तन से उनकी बीमारियां ठीक हो जाएंगी और गरीबी दूर होगी. वहीं जाल में फंसे लोगों को घरों से मूर्तियां फेंकने, कलावा काटने, मांस खिलाने और खून पिलाने के भी आरोप हैं. आगरा में शाहगंज थाने की पुलिस ने इस मामले में 8 लोगों को अरेस्ट किया है.

पुलिस के मुताबिक इस धर्मांतरण गिरोह का सरगना राजकुमार लालवानी है. वह अपनी सहयोगी तीन महिलाओं की मदद से दलितों और गरीब लोगों को प्रार्थनासभा के हाने से इकट्ठा करता था. इसके बाद उन्हें तमाम तरह के प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराता था. आगरा में डीसीपी सिटी सोनम कुमार के मुताबिक पिछले दिनों केदार नगर में रहने वाले घनश्याम हेमलानी ने शिकायत दी थी. बताया था कि राजकुमार ने उन्हें प्रार्थना सभा के बहाने अपने घर बुलाया और हाथ में बंधा कलावा कटवा दिया. यहां तक कि माथे पर लगा तिलक भी धुलवा दिया.

उन्हें शक हुआ तो पुलिस में शिकायत दी. इस इनपुट पर हरकत में आई पुलिस ने आरोपी राजकुमार लालवानी की निगरानी शुरू की. इसमें पता चला कि वह 4 साल पहले महाराष्ट्र के उल्लहास नगर गया था, जहां उसने खुद का धर्मांतरण कराया और ईसाई बनने के बाद यहां खुद इस धंधे में जुट गया. पुलिस के मुताबिक उसके निशाने पर गरीब और दलित बस्तियों के लोग थे. वह उनके घरों में जाता और गरीबी व बीमारी दूर करने के लिए लोगों को यीशु का स्मरण करने और बाइबल पढ़ने को कहता था.

फिर मिशन स्कूलों में उनके बच्चों की अच्छी पढ़ाई व क्रिश्चियन मिशनरी में नौकरी दिलाने की झांसा देता था. पुलिस के मुताबिक लोग झांसे में आकर ईसाई धर्म अपनाने को तैयार हो जाते थे. इसके बाद इन्हें अजीब तरह से मांस खिलाकर व खून पिलाकर ईसाई बनाया जाता था. हालांकि ईसाई बनने के बाद भी किसी को कोई सार्टिफिकेट नहीं दिया जाता था. आरोप है कि राजकुमार और उसके साथ बीमारियों को ठीक करने के नाम पर लोगों से पैसा भी ऐंठते थे.

गूगल मीट पर प्रार्थनासभा, बाहर से फंडिंग

पुलिस की जांच में पता चला है कि राजकुमार के गिरोह को बाहर से फंडिंग हो रही थी. फंडिंग करने वाले लोग ही गूगल मीट पर प्रार्थना सभा भी आयोजित करते थे. इसके अलावा, गिरोह के लोग ईसाई धर्म के प्रचार प्रसार के लिए यूट्यूब चैनल का भी इस्तेमाल करते थे. अब तक की जांच में पता चला है कि इनकी प्रार्थना सभा में स्पेन और दुबई से भी काफी लोग जुड़ते थे. पुलिस के मुताबिक प्रार्थना सभा में खाने-पीने की व्यवस्था होती थी. इसमें लोगों को मीट खाने को दिया जाता था. इस दौरान झाड़ फूंक भी किया जाता था.

‘चर्च ऑफ गॉड’ नाम से वाट्सऐप ग्रुप

पुलिस के मुताबिक गिरोह के सरगना राजकुमार ने वाट्सऐप पर ‘चर्च ऑफ गॉड’ नाम से ग्रुप बनाया था. इसी ग्रुप में वह गूगल मीट के लिंक शेयर करता था. इस ग्रुप में 86 लोग जुड़े हैं. पुलिस ने यूट्यूब पर इसी नाम से एक चैनल भी ट्रैस किया है. इसमें राजकुमार हर रविवार को होने वाले कार्यक्रम के वीडियो अपलोड करता था. पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है. इस दौरान आरोपी को फंडिंग करने वालों की भी पहचान करने की कोशिश की जा रही है.