कब्रिस्तान में दफनाने से रोका, हिंदुओं ने कराया अंतिम संस्कार; हैरान कर देगी वजह
उत्तर प्रदेश के औरैया में एक मुस्लिम व्यक्ति को अपनी पत्नी के लिए कब्रिस्तान में जगह नहीं मिली. क्योंकि मौलवी ने निकाह न होने का तर्क देकर रोक दिया. ऐसे में उसने हिंदू रीति-रिवाज से अपनी पत्नी का अंतिम संस्कार किया है. इस घटना ने सोशल मीडिया पर तेज बहस छेड़ दी है.
उत्तर प्रदेश के औरैया में एक हैरान करने वाली घटना हुई है. यहां धर्म और जाति के भेद के चलते एक शव के साथ बदसलूकी हुई है. यहां एक मुस्लिम युवक अपनी पत्नी के निधन के बाद उसे दफन करने कब्रिस्तान पहुंचा, लेकिन उसे बैरंग लौटा दिया गया. मौलवी ने तर्क दिया कि उस व्यक्ति ने महिला के साथ निकाह नहीं किया है. आखिर में पीड़ित ने हिंदू समाज के लोगों से मदद मांगी और काफी जद्दोजहद के शव का दाह संस्कार किया गया. घटना की चर्चा इस समय सोशल मीडिया में खूब हो रही है. मामला औरैया के असेनी गांव का है.
जानकारी के मुताबिक यहां खंडहर हो चुके एक सरकारी मकान में रहे मुस्लिम व्यक्ति वकार अली को यह महिला भगवती 30 साल पहले विक्षिप्त हालत में मिली थी. उस समय उन्होंने इस महिला को खाना खिलाया था. लेकिन इसके बाद यह महिला दिन भर इधर उधर घूमती और शाम को उनके पास रोज आ जाती थी. ऐसे में वकार ने इस महिला को भी उसी घर में रख लिया. फिर दोनों पति-पत्नी की तरह से रहने लगे. हालांकि इस दौरान दोनों का निकाह नहीं हुआ था. कुछ समय बाद इन्हें एक बेटा भी हुआ. बाद में उसकी भी मौत हो गई.
मौलवी ने रोका दफन
वकार अली के मुताबिक करीब डेढ़ महीने पहले भगवती भी बीमार पड़ गई और इसी बीमारी से उसकी मौत हो गई. इसके बाद वह शनिवार को भगवती का शव को लेकर कब्रिस्तान पहुंचे तो वहां मौलवी ने शव दफनाने से मना कर दिया. वकार के मुताबिक उनके बेटे की मौत हुई थी तो उन्होंने इसी कब्रिस्तान में दफन किया था, लेकिन पत्नी को दफनाने से रोक दिया गया है. मौलवी के मना करने पर हिंदू समाज की मदद से उन्होंने दिबियापुर के मुक्तिधाम में हिंदू रीति रिवाज से भगवती का अंतिम संस्कार किया है.
हिंदू रीति से हुआ दाह संस्कार
थानाध्यक्ष रुद्र कुमार त्रिपाठी ने बताया कि वकार अली मूल रूप से कानपुर देहात के रसूलाबाद में उसरी विला गांव के रहने वाले हैं. वह काफी समय से यहां असेनी गांव में रह रहे हैं. उन्हें यह महिला विक्षिप्त हाल में मिली थी और उन्होंने उसे शरण दिया था. महिला की उम्र लगभग 60 वर्ष हो गई थी और अब बीमारी की वजह से उसकी मौत हुई है. वकार उसे दफनाने के लिए कब्रिस्तान गया था, लेकिन मौलाना ने इस महिला को हिंदू बताते हुए दफन करने से मना कर दिया. कहा कि इससे विवाद होगा. उसके बाद हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया गया है.