रामनगरी में अब कैंसर का भी इलाज, अयोध्या नरेश देंगे जमीन, 2 साल में बनेगा अस्पताल
नमो फाउंडेशन ने रामनगरी में अयोध्या के राजा स्वर्गीय विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र के नाम पर एक आधुनिक कैंसर अस्पताल बनाने का फैसला लिया है. इसकी भूमि के लिए उनके बेटे और अयोध्या के राजा यतींद्र मिश्र से भी नमो फाउंडेशन ने संपर्क किया है. उन्होंने इस परियोजना के लिए जमीन देने का आश्वासन भी दे दिया है.
रामनगरी अयोध्या से एक बेहद अच्छी खबर सामने आई है. अब यहां के लोगों को कैंसर के इलाज के लिए लखनऊ, दिल्ली और मुंबई नहीं जाना पड़ेगा. दरअसल, यहां नमो फाउंडेशन ने नेतृत्व में आधुनिक कैंसर अस्पताल का निर्माण कराने का फैसला लिया है. इसको लेकर राम मंदिर ट्रस्ट और नमो फाउंडेशन के बीच बैठक भी हो चुकी है.
यह अस्पताल लगभग 6 से 8 एकड़ भूमि में बनाने का फैसला किया गया है. शुरुआती जानकारी के मुताबिक इस अस्पताल को सूर्य कुंड के पास बनाया जा सकता है. इसका नाम राजा विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र के नाम पर रखे जाने का भी फैसला लिया गया है . इसकी भूमि के लिए अयोध्या के राजा यतींद्र मिश्र से भी नमो फाउंडेशन ने संपर्क किया है. उन्होंने इस परियोजना के लिए जमीन देने का भी आश्वासन दिया है.
रतन टाटा की सोच से प्रेरित है ये परियोजना
कैंसर अस्पताल के बारे में जानकारी देते हुए राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि यह परियोजना दिवंगत ति रतन टाटा की सोच से प्रेरित है. रतन टाटा ने ये संकल्प लिया था कि वे देश के अलग-अलग हिस्सों के लिए कैंसर की जांच और इलाज की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे.
इलाज के साथ जनसेवा भी लक्ष्य
नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि इस अस्पताल का उद्देश्य इलाज के साथ-साथ जनसेवा करने का भी है. यहां मरीजों पर इलाज का ज्यादा खर्च नहीं आएगा. ऐसे में आर्थिक और कमजोर वर्ग के लोगों को भी यहां इलाज कराना आसान होगा. इस अस्पताल को तकरीबन 24 महीनों के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
स्वास्थ्य के क्षेत्र में अयोध्या को मिलेगी पहचान
नृपेंद्र मिश्रा के मुताबिक इससे अयोध्या को धार्मिक के साथ-साथ स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में भी एक नई पहचान मिलेगी. हमने इसके लिए जमीन भी देख ली है. इसके लिए अयोध्या के राजा यतींद्र मिश्र से संपर्क भी किया है. उन्होंने 6 से 8 एकड़ भूमि उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है. वह भी कैंसर अस्पताल की इस परियोजना के लिए उत्साहित हैं.
