बहराइच में कथावाचक पुंडरीक गोस्वामी को सलामी देकर फंसी पुलिस, DGP ने SP से मांगा जवाब
बहराइच में पुलिस परेड ग्राउंड का एक धार्मिक कार्यक्रम के लिए उपयोग किया गया. इस दौरान कथावाचक पुंडरीक गोस्वामी को पुलिस द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. वहीं, अब यह मामला विवाद का रूप ले लिया है. विपक्ष के हंगामे के बाद DGP ने मामले में खुद संज्ञान लिया और SP से जवाब तलब किया है.
बहराइच में पुलिस परेड ग्राउंड में प्रसिद्ध कथावाचक पुंडरीक गोस्वामी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. पुलिस अधीक्षक (SP) आरएन सिंह खुद परेड की अगुवाई करते नजर आएं. अब यह मामला विवादों में घिर गया है. विपक्ष ने इसे संवैधानिक उल्लंघन बताते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी है. वहीं, अब यूपी पुलिस के महानिदेशक (DGP) ने SP से स्पष्टीकरण मांगा है.
घटना पुलिस परेड ग्राउंड पर आयोजित एक कार्यक्रम की है, जहां मथुरा-वृंदावन के प्रसिद्ध कथावाचक आचार्य पुंडरीक गोस्वामी को आमंत्रित किया गया था. वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि SP आरएन सिंह परेड का नेतृत्व कर रहे हैं, रेड कार्पेट बिछाया गया है और पुलिसकर्मी कथावाचक को सलामी दे रहे हैं.
पुलिस ने कथावाचक को बुलाने पर दी सफाई
कथावाचक ने पोडियम से पुलिसकर्मियों को संबोधित भी किया. पुलिस का कहना है कि ट्रेनिंग के दौरान कुछ पुलिसकर्मियों में मानसिक अवसाद के कारण त्यागपत्र देने की घटनाएं हुई थीं. 28 पुलिसकर्मी रिजाइन दे चुके हैं. पुलिसकर्मियों में मनोबल बनाए रखने और अवसाद दूर करने के लिए कथावाचक को बुलाया गया था.
‘पुलिस द्वारा सलामी देना संविधान पर खुला हमला’
हालांकि, इस स्पष्टीकरण से विपक्ष संतुष्ट नहीं है. नगीना से सांसद और भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने सोशल मीडिया पर तीखा हमला बोला. उन्होंने लिखा, ‘भारत कोई मठ नहीं, बल्कि एक संवैधानिक गणराज्य है. राज्य किसी धर्म-विशेष की जागीर नहीं. एक कथावाचक को पुलिस द्वारा परेड और सलामी देना संविधान पर खुला हमला है.’
DGP कार्यालय से जारी निर्देश में क्या कहा गया?
वहीं, यूपी पुलिस महानिदेशक ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया है. DGP कार्यालय से जारी निर्देश में कहा गया है कि पुलिस परेड ग्राउंड का उपयोग केवल पुलिस प्रशिक्षण, अनुशासन एवं आधिकारिक समारोहों के लिए है. निर्धारित मानकों के उल्लंघन के दृष्टिगत संबंधित पुलिस अधीक्षक से स्पष्टीकरण तलब किया गया है.
कौन हैं कथावाचक पुंडरीक गोस्वामी?
बता दें कि पुंडरीक गोस्वामी वृंदावन के युवा कथावाचक हैं, जो सात साल की उम्र से भगवत कथा सुना रहे हैं. उनका जन्म 20 जुलाई 1988 को वृंदावन में हुआ था. उनके पिता का नाम कृष्ण गोस्वामी है. पुंडरीक गोस्वामी ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से शिक्षा प्राप्त की है और देश-विदेश में कथा आयोजनों के लिए प्रसिद्ध हैं.
