‘डीएम अंकल ठंड बहुत है…’, बच्चों की गुहार पर कानपुर में दो दिन के लिए स्कूलों में छुट्टी का ऐलान
कानपुर जिलाधिकारी (DM) की और से सभी स्कूलों में अवकाश घोषित किया गया है. इस फैसले के बाद छात्रों में खुशी की लहर दौड़ गई. बच्चों ने बढ़ती ठंड को लेकर "डीएम अंकल छुट्टी कर दीजिए" जैसे संदेश भेजे थे. इसपर डीएम ने संज्ञान लेते हुए अब सभी स्कूलों में दो दिन की छुट्टी का ऐलान कर दिया है.
कानपुर के विकास खंड बिधनू के ग्राम पंचायत नगवां स्थित प्राथमिक विद्यालय में उस समय उत्साह और खुशी का माहौल छा गया, जब जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने मंच से बच्चों के सामने ही जिले के सभी विद्यालयों में अवकाश की घोषणा कर दी. यह फैसला बच्चों के ‘डीएम अंकल ठंड बहुत है, छुट्टी दे दीजिए’ जैसे संदेश भेजने के बाद लिया गया.
दरअसल, पिछले कुछ दिनों से जिले में ठंड और कोहरे के कारण मौसम काफी ठंडा हो गया है. इस बीच जिलाधिकारी के सरकारी मोबाइल नंबर पर बड़ी संख्या में बच्चों के भावुक संदेश आ रहे थे, जिनमें अवकाश की मांग की जा रही थी. इन संदेशों को जिलाधिकारी ने गंभीरता से लिया और स्कूलों में दो दिन (19 और 20 दिसंबर) अवकाश की घोषणा की.
डीएम अंकल ने हमारी बात सुन ली… बच्चों में उत्साह
जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह गुरुवार को प्राथमिक विद्यालय नगवां पहुंचे थे, जहां ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला स्पेस साइंस एंड इनोवेशन लैब का शुभारंभ कार्यक्रम आयोजित था. इस अवसर पर वे मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे. कार्यक्रम के दौरान बच्चों की उत्सुकता और मौसम की प्रतिकूलता को देखते हुए जिलाधिकारी ने यह सरप्राइज घोषणा की.
मंच से घोषणा होते ही विद्यालय परिसर तालियों की गड़गड़ाहट और बच्चों के उत्साह से गूंज उठा. बच्चों के चेहरे पर खुशी साफ झलक रही थी. उन्होंने जिलाधिकारी का तहेदिल से धन्यवाद किया. एक छात्रा प्रिया ने कहा, ‘डीएम अंकल ने हमारी बात सुन ली, अब हम ठंड में आराम से घर पर रहेंगे.’ इसी तरह अन्य बच्चों ने भी अपनी खुशी व्यक्त की.
छुट्टी के दौरान पढ़ाई जारी रखें- DM की बच्चों से अपील
यह घटना बच्चों के लिए एक यादगार पल बन गई. जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि मौसम की विपरीत परिस्थितियों में बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सर्वोपरि है. इसलिए यह निर्णय लिया गया. उन्होंने बच्चों से अपील की कि छुट्टी के दौरान वे पढ़ाई जारी रखें और सुरक्षित रहें. यह आदेश नर्सरी से कक्षा 12वीं तक के सभी सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी विद्यालयों पर लागू होंगे.
