बरेली में 5 बंदरों को पीट-पीटकर हत्या, हड्डियां भी नहीं बची साबूत; बबर्रता देख दहल जाएगा दिल

बरेली की चावल मंडी में पांच बंदरों को बेरहमी से पीट-पीटकर मार डाला गया. पुलिस ने पोस्टमार्टम कराया, जिसमें खुलासा हुआ कि बंदरों को जहर नहीं दिया गया था बल्कि उन्हें बुरी तरह पीटा गया था. पीपल फॉर एनिमल ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

बरेली में बंदरों की हत्या

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले की चावल मंडी में 5 बंदरों को बेरहमी से पीट-पीटकर मार डाला गया. बेजुबान बंदरों की इस तरह से क्रूरतापूर्वक हत्या के बाद हर कोई आक्रोश में है. बंदरों के साथ हुई इस बर्बरता की सूचना पुलिस को दी गई. इस घटना के बाद पीपल फॉर एनिमल के सदस्य भी वहां पहुंचे.

फिलहाल, पुलिस ने मौके पर मौजूद सभी बंदरों के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया. इनके शव को आईवीआरआई (भारतीय पशु अनुसंधान संस्थान) में पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. पोस्टमार्टम से खुलासा गया कि बंदरों को जहर नहीं दिया गया था. बल्कि, उनके शरीर पर गहरी चोटों के निशान मिले हैं. कुछ की हड्डियां टूटी हुई थीं और कई के अंदरूनी अंग बुरी तरह क्षतिग्रस्त पाए गए. इससे साबित हो रहा है कि पीट-पीटकर मारा गया है.

पहले बेहोश मिले, फिर निकली मौत की खबर

किला चावल मंडी में बंदरों की संख्या बीते कुछ समय से लगातार बढ़ती जा रही थी. व्यापारी और स्थानीय लोग कई बार शिकायत कर चुके थे कि बंदर दुकानदारी में नुकसान पहुंचा रहे हैं. सोमवार दोपहर अचानक खबर आई कि एक गल्ला व्यापारी की दुकान के पीछे चार-पांच बंदर बेहोशी की हालत में पड़े हुए हैं. यह खबर फैलते ही अफवाह उड़ी कि बंदरों को जहर देकर मारा गया है. मौके पर व्यापारियों की भीड़ जुट गई.

इसी बीच किसी ने पुलिस को सूचना दी. थोड़ी ही देर में किला थाना पुलिस और पीएफए संस्था के कार्यकर्ता धीरज पाठक, अर्चित मिश्रा, सूरज मिश्रा, आकाश पाराशरी और अखिलेश मिश्रा वहां पहुंच गए. पुलिस और पीएफए टीम ने मिलकर बंदरों के शव वहां से हटवाए. मौके पर चार बंदर दम तोड़ चुके थे. जबकि, एक ने थोड़ी देर बाद दम तोड़ दिया. सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम भी मौके पर आ गई.

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से हुआ बड़ा खुलासा

पुलिस ने मृत बंदरों के शवों का पोस्टमॉर्टम आईवीआरआई में कराया. जांच में यह खुलासा हो गया कि बंदरों को किसी भी प्रकार का जहर नहीं दिया गया था. आईवीआरआई के डॉक्टरों का कहना है कि बंदरों के शरीर पर गंभीर चोटों के निशान थे. कुछ हड्डियां टूटी हुई थीं और अंदरूनी अंगों को भी काफी नुकसान हुआ था. इससे यह साबित हो रहा है कि बंदरों को किसी ने जानबूझकर पीट-पीटकर मारा है.
पीएफए के कार्यकर्ता धीरज पाठक ने पुलिस को इस मामले में तहरीर दी है. उनका कहना है कि यह घटना बेहद शर्मनाक है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.

पुलिस जुटी आरोपियों की तलाश में

इस घटना के बाद किला थाना क्षेत्र में हड़कंप मचा हुआ है. इंस्पेक्टर राजेश कुमार का कहना है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में जहर जैसी कोई बात नहीं पाई गई है. यह साफ है कि मामला मारपीट का है. पुलिस आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है और आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है. स्थानीय लोगों से भी पूछताछ की जा रही है.

फिलहाल, यह साफ नहीं है कि बंदरों को किसने और क्यों मारा, लेकिन यह जरूर तय है कि इस घटना ने पूरे शहर में चर्चा का माहौल बना दिया है.