PGT-TGT परीक्षा के साथ-साथ 24 हजार शिक्षक भर्तियां… प्रशांत कुमार के सामने हैं ये बड़ी चुनौतियां

उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग पिछले 2 सालों में एक भी नई भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं कर सका, जिससे प्रतियोगी अभ्यर्थियों में भारी नाराजगी और असंतोष है. पीजीटी-टीजीटी की परीक्षा भी बार-बार टल रही हैं. इसके अलावा 24 हजार नई शिक्षक भर्तियां भी प्रस्तावित हैं. आइए जानते हैं कि प्रशांत कुमार के सामने कौन-कौन सी बड़ी चुनौतियां हैं.

प्रशांत कुमार सामने हैं कौन सी चुनौतियां ( फाइल फोटो) Image Credit:

यूपी के पूर्व डीजीपी प्रशांत कुमार को उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का नया अध्यक्ष बनाया गया है. इस नियुक्ति से लाखों अभ्यर्थियों में एक बार फिर उम्मीद जगी है. आयोग के सामने सबसे बड़ी चुनौती कई सालों से लंबित शिक्षक भर्तियों को समय से और पारदर्शी तरीके से पूरा करना है. बीते दो सालों में आयोग एक भी नई भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं कर सका, जिससे प्रतियोगी अभ्यर्थियों में भारी नाराजगी और असंतोष है.

उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का गठन 1 अगस्त 2023 को किया गया था. आयोग के गठन के साथ ही उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग और उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड जैसे पुराने निकायों का इसमें विलय कर दिया गया. उद्देश्य था कि प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा के साथ-साथ सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मियों की भर्ती एकीकृत, पारदर्शी और तेज प्रक्रिया के तहत हो सके.

आयोग एक भी नई भर्ती प्रक्रिया नहीं कर सका पूरा

इसके साथ ही आयोग को UPTET, SET और अन्य पात्रता परीक्षाओं के आयोजन की जिम्मेदारी भी सौंपी गई. हालांकि आयोग अब तक एक भी भर्ती परीक्षा सफलतापूर्वक आयोजित नहीं कर पाया. उच्च शिक्षा सेवा आयोग के विज्ञापन संख्या 51 के तहत 1302 असिस्टेंट प्रोफेसर पदों पर भर्ती प्रक्रिया इसका बड़ा उदाहरण है. लिखित परीक्षा और परिणाम जारी होने के बावजूद साक्षात्कार प्रक्रिया अधर में लटकी हुई है.

आवेदन स्तर पर ही अटकी हुई हैं पीजीटी और टीजीटी भर्तियां

माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड से संबंधित पीजीटी और टीजीटी भर्तियां भी अभ्यर्थियों के लिए सबसे बड़ी पीड़ा बनी हुई हैं. जून 2022 में पीजीटी के 624 और टीजीटी के 3539 पदों के लिए आवेदन मांगे गए थे. इनमें साढ़े चार लाख और लगभग साढ़े आठ लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया. इन परीक्षाओं की तिथियां चार-चार बार घोषित की गईं, लेकिन हर बार परीक्षाएं स्थगित होती रहीं. वर्तमान में दोनों ही भर्तियां आवेदन स्तर पर ही अटकी हुई हैं.

जनवरी में परीक्षा कराने की घोषणा अब नोटिफिकेशन नहीं

इसके अलावा शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) भी तय समय पर नहीं हो सकी है. जनवरी में परीक्षा कराने की घोषणा के बावजूद अब तक विज्ञापन जारी नहीं हुआ है. इससे प्रतियोगियों का आक्रोश और आंदोलन लगातार बढ़ रहा है.

24 हजार से अधिक नए पदों पर भर्ती की बड़ी जिम्मेदारी

आयोग आने वाले समय में 24 हजार से अधिक नए पदों पर भर्ती की बड़ी जिम्मेदारी भी है. उच्च शिक्षा में 1250 से अधिक असिस्टेंट प्रोफेसर और माध्यमिक शिक्षा में पीजीटी, टीजीटी व प्रधानाचार्य के 23 हजार से ज्यादा पदों का अधियाचन तैयार है. ऐसे में बार-बार टल रही पीजीटी-टीजीटी परीक्षाओं को कराना और इन हजारों पदों पर पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया शुरू करना नए अध्यक्ष प्रशांत कुमार की सबसे बड़ी चुनौती मानी जा रही है.