कौन हैं पुंडरीक गोस्वामी, जिन्हें गार्ड ऑफ ऑनर देकर बहराइच पुलिस ने करा ली फजीहत

पुंडरीक गोस्वामी के लिए परेड ग्राउंड खोलने और गार्ड ऑफ ऑनर देने पर बहराइच पुलिस की जमकर फजीहत हो रही है. विपक्ष ने इस मामले को संवैधानिक उल्लंघन बताया है. ऐसे में आइए जानते हैं कि पुंडरीक गोस्वामी कौन हैं.

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बहराइच में पुलिस परेड ग्राउंड में प्रसिद्ध कथावाचक पुंडरीक गोस्वामी को गार्ड ऑफ ऑनर देने की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं. इस दौरान पुलिस अधीक्षक (SP) आरएन सिंह खुद परेड को लीड करते नजर आए. अब यह मामला तूल पकड़ते जा रहा है और बहराइच पुलिस की बड़ी फजीहत हो रही है.

पुंडरीक गोस्वामी के लिए पुलिस परेड ग्राउंड खोलने और गार्ड ऑफ ऑनर दिए जाने को लेकर विपक्ष ने तीखी प्रक्रिया दी है. विपक्ष ने इसे संवैधानिक उल्लंघन बताया है. इसको लेकर डीजीपी ने मामले में बहराइच के एसपी से तत्काल स्पष्टीकरण मांगा है. आइए जानते हैं कि पुंडरीक गोस्वामी कौन हैं.

वृंदावन के रहने वाले हैं पुंडरीक गोस्वामी

पुंडरीक गोस्वामी वृंदावन के रहने वाले हैं. उनका जन्म 20 जुलाई, 1988 को वृंदावन में ही हुआ था. बताया जाता है कि 7 साल की आयु से ही उन्होंने कथा करना शुरू कर दिया था. कहा यह भी जाता है कि उन्होंने अपना हायर एजुकेशन ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पूरा किया. अपने देश भारत के साथ-साथ वह विदेश में भी अपनी कथाओं का आयोजन करते रहते हैं.

38 पीढ़ियों से भागवत कथा कह रहा उनका परिवार

पुंडरीक गोस्वामी प्रसिद्ध संत अतुल कृष्ण गोस्वामी जी महाराज के पौत्र और श्रीभूति कृष्ण गोस्वामी जी महाराज के पुत्र हैं. माना जाता है कि उनके परिवार में 38 पीढ़ियों से भागवत कथा कही जा रही है. उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद धार्मिक और आध्यात्मिक मार्ग का रास्ता अपना लिया.

गौडेश्वर पीठम के 38वें आचार्य हैं पुंडरीक गोस्वामी

पुंडरीक गोस्वामी इस समय श्रीमद माधव-गौडेश्वर पीठम के 38वें आचार्य हैं. वो विश्व भर में गौड़ीय वैष्णव परंपरा का प्रचार कर रहे हैं. वो श्रीकृष्ण, श्रीमद्भागवतम, चैतन्य चरितामृत, राम कथा और भगवद गीता पर प्रवचन दिया करते हैं. इस समय वह पुंडरीक गोस्वामी गोपाल क्लब और निमाई पाठशाला जैसे कार्यक्रम भी संचालित कर रहे हैं.

सामाजिक कार्यों में बढ़चढ़कर लेते हैं हिस्सा

गोपाल क्लब और निमाई पाठशाला कार्यक्रमों से वह युवाओं को भारतीय भारतीय संस्कृति और भक्ति परंपरा से जोड़ने का काम कर रहे हैं. इसके अलावा तमाम तरह के सामाजिक कार्यों में वह हिस्सा लेते रहे हैं. इसमें वंचितों के लिए निशुल्क चिकित्सा शिविर, गरीब बच्चों को शिक्षा भी दिलवाना प्रमुख है.