चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने लॉन्च किया देश का पहला यूनिवर्सिटी-संचालित स्टार्टअप लॉन्चपैड ‘कैंपस टैंक’

युवा इनोवेटर्स को प्रोत्साहित करने और उन्हें जरूरी संसाधन, मार्गदर्शन और फंडिंग उपलब्ध कराने के उद्देश्य से चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने ‘अपना’ और ‘वेंचर कैटलिस्ट्स’ के साथ मिलकर देश का पहला यूनिवर्सिटी-संचालित राष्ट्रीय स्टार्टअप प्लेटफॉर्म-‘कैंपस टैंक’ लॉन्च किया है. यह मंच न केवल युवाओं के विचारों को पहचान दिलाने का मौका देगा, बल्कि उन्हें एक वैश्विक स्टार्टअप इकोसिस्टम से जोड़ने की दिशा में भी अहम भूमिका निभाएगा.

चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी

भारत के स्टार्टअप संस्थापकों की नई पीढ़ी को सशक्त बनाने की दिशा में चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने एक अहम कदम बढ़ाया है. चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने भारतीय यूनिवर्सिटी और जॉब नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म ‘अपना’ और भारत की अग्रणी अर्ली स्टेज इन्वेस्टमेंट फर्म और देश के पहले फंडेड इनक्यूबेटर ‘वैंक्यर कैटलिस्ट्स’ (कैक्सेस) के सहयोग से भारत का पहला यूनिवर्सिटी-संचालित राष्ट्रीय स्टार्टअप प्लेटफॉर्म “कैंपस टैंक” लॉन्च किया है.

यहां युवा इनोवेटर्स अपने आईडियाज को एक्सपर्ट्स के सामने पेश करके उनसे गाइडेंस ले सकते हैं. इसके अलावा एंजेलिक स्टेज इनक्यूबेशन एक्सेस और स्पिरीट स्टार्टअप इन्वेस्टमेंट के साथ-साथ अपने स्टार्ट-अप शुरू करने के लिए फंडिंग भी ले सकते हैं.

लॉन्च किया गया कैंपस टैंक का पोर्टल

कैंपस टैंक (https://apna.co/contests/campus-tank-2025) के पोर्टल को लॉन्च कर दिया गया है. इस पोर्टल को राज्य सभा सांसद और चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के चांसलर सतनाम सिंह संधू, ‘अपना’ के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर कर्ण चोकसी, अपना के वाइस प्रेसीडेंट डॉ. प्रीत दीप सिंह, ‘वैंचर कैटलिस्ट्स’ के फाउंडर सदस्य और मैनेजिंग पार्टनर ऋषभ गोलवाल की की मौजूदगी में लॉन्च किया गया.

कैंपस टैंक के पोर्टल की मदद से 14 अगस्त तक 30 साल के कम आयु के फाउंडर्स और को-फाउंडर्स रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. वो अपने स्टार्टअप को आगे बढ़ाने के लिए 1 मिलियन डॉलर के प्राइजपूल फंड से इन्वेस्टमेंट पाने के लिए कॉम्पिटिशन में रहेंगे. चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी का इनोवेशन सेंटर इस कार्यक्रम की अगुवाई करेगा. इसमें देश के टॉप बी-स्कूल्स के प्रोफेसर इसमें शामिल होंगे. इसका हिस्सा आईआईएम और आईआईटी से जुड़े एक्सपर्ट्स भी होंगे.

चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी इनोवेशन सेंटर में हिस्सा लेने वाले लोगों को स्टार्टअप से जुड़ी ट्रेनिंग दी जाएगी. मास्टर क्लासेज के जरिए उन्हें एक्सपर्ट्स से बातचीत का मौका मिलेगा. कार्यक्रम में उद्योगों अग्रणियों की ओर से लाइव मूल्यांकन और संभावित फंडिंग की घोषणाएं होंगी.

देश के आर्थिक विकास पथ पर बढ़े आगे

राज्यसभा सांसद और चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के चांसलर सतनाम सिंह संधू ने कहा कि यह पहल स्टार्टअप्स को उनके विकास में समर्थन देकर अगली पीढ़ी के उद्यमियों को सशक्त बनाती है. नवाचार और डिजाइन को बढ़ावा देने वाली यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2016 में शुरू की गई स्टार्टअप इंडिया पहल के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास को गति देना और बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए एक संपन्न स्टार्टअप इकोसिस्टम बनाना है.

सतनाम सिंह संधू ने कहा कि भारत ने पिछले दस सालों में 1.76 लाख से ज्यादा स्टार्टअप स्थापित किए हैं. इसके साथ ही भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन गया है. जनवरी 2016 में देश में केवल 500 स्टार्टअप थे. आज भारत में 118 यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स हैं.

एक्सपर्ट गाइडेंस और ट्रेनिंग का फायदा

इन यूनिकॉर्न्स का कुल मूल्य 350 अरब डॉलर से ज्यादा है. भारत के स्टार्टअप्स आज ज्यादातर नवाचारों का नेतृत्व कर रहे हैं. इनका उत्पादन मूल्य देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 18% से भी ज्यादा है. भारत के 51 प्रतिशत से ज्यादा स्टार्टअप टियर 2 और टियर 3 शहरों से हैं. यह दर्शाता है कि ये स्टार्टअप भारत की आर्थिक विकास यात्रा में अहम भूमिका निभा रहे हैं. ये युवा उद्यमियों को भी सशक्त बनाने में योगदान दे रहा है.

सतनाम सिंह संधू ने कहा कि कैंपस टैंक के लिए चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, अपना और वेंचर कैटलिस्ट्स का यह सहयोग स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूत करेगा. ये आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा और आने वाले समय के इनोवेटर्स को मजबूती प्रदान करेगा. मुझे विश्वास है कि कैंपस टैंक के जरिए उभरते उद्यमियों को एक्सपर्ट्स के मार्गदर्शन और ट्रेनिंग का फायदा मिलेगा, जिससे वे अपना स्टार्टअप शुरू कर सकेंगे. यह कार्यक्रम देश को दूसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बनाने और 2047 तक 1,000 यूनिकॉर्न के लक्ष्य में सहयोग देगा.

स्टार्टअप को प्रेरित करने की दिशा में काम

उन्होंने कहा कि एक शोध-केन्द्रित संस्थान के रूप में, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी छात्रों को इनोवेशन और विकास के लिए प्रेरित कर इसमें सक्रिय भागीदारी निभा रही है. 2012 से अब तक छात्रों ने 150 से ज्यादा स्टार्टअप शुरू किए हैं. इनमें से आठ महिला-नेतृत्व हैं. ये कृषि, एडटेक, मेडटेक, हेल्थकेयर, फिनटेक, क्लीनटेक, ब्लॉकचेन और वेस्ट मैनेजमेंट सहित 27 सेक्टर्स से 17 भारतीय शहरों और 4 विदेशी देशों तक फैला हुआ है.

चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के टेक्नोलॉजी बिजनेस इनक्यूबेटर (सीयू-टीबीआई), ने 2023-24 में सबसे ज्यादा 1126 स्टार्टअप आवेदन दाखिल करने वाले भारत के सभी नेशनल अनुसंधान और विकास संस्थानों में पहला स्थान प्राप्त किया है. वहीं पिछले 10 सालों में 2581 पेटेंट दाखिल करके भारत की सभी प्राइवेट और सरकारी यूनिवर्सिटी में तीसरी रैंक हासिल की है.

‘अपना’ के वाइस प्रेसीडेंट डॉ. प्रीत दीप सिंह ने कहा कि अपना का उद्देश्य प्रतिभा उत्पन्न करना तथा शिक्षा का मूल है कि हम सिर्फ रोजगार नहीं, अवसर भी बना रहे हैं. कैंपस टैंक के जरिए हम आने वाली पीढ़ी के युवाओं को मंच दे रहे हैं. यहां पर वो रिक्रूटर, प्लेटफॉर्म और जॉब से जन्मे आइडियाज को सुन, देख और चुन सकते हैं.

यहां हर स्टार्टअप औसतन 11 प्रत्यक्ष और 26 गुना अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित करता है. नए इनोवेशन ही वो हैं जो राष्ट्र निर्माण करने का हमें भरोसा दिलाते हैं. उन्होंने कहा कि भारत तब बदलेगा, जब मानसिकता बदलेगी. कैंपस टैंक के जरिए हम समस्या सुलझाने वाले, नवाचार करने वाले और अगली पीढ़ी के निर्माताओं को आगे लाना चाहते हैं. उनके विचारों को भवन से चौपाल तक और चाय तक पहुंचाना ही हमारा संकल्प है.

1 मिलियन डॉलर तक की फंडिंग

वेंचर कैटलिस्ट्स के फाउंडिंग मेंबर और मैनेजिंग पार्टनर, ऋषभ गोलछा ने कहा कि भारत के उभरते संस्थापक पहले ही हॉस्टल, कैफे और गैराज में निर्माण कर रहे हैं. कैंपस टैंक उन्हें जल्द पहचानने और समर्थन देने का हमारा तरीका है. यह प्लेटफॉर्म 30 साल से कम उम्र के युवा फाउंडर्स के लिए है जो साहसिक विचारों के साथ वास्तविक समस्याओं का हल ढूंढ़ रहे हैं.

हम 1 मिलियन डॉलर तक की फंडिंग, मेंटरशिप और नेटवर्क के जरिए उन्हें आगे बढ़ने में मदद कर रहे हैं. चाहे वे छात्र हों, ग्रेजुएट या प्रोफेशनल, उन्हें सिर्फ नया बनाने का जज़्बा मायने रखता है. कैंपस टैंक एक लंबी संस्थापक यात्रा की शुरुआत है और हम इन सपनों को हकीकत में बदलने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.