100 साल पुरानी मजार पर चला बुलडोज़र, हर गुरुवार को लगता था मेला
सिद्धार्थनगर के डुमरियागंज क्षेत्र में स्थित फागु बाबा की मजार को प्रशासन ने ध्वस्त करा दिया. ADM, SP और SDM के नेतृत्व में इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया. कार्रवाई के दौरान मौके पर कई थानों की फोर्स तैनात रही. ये मजार करीब 100 साल पुरानी बताई जा रही है. यहां हर बृहस्पतिवार को मेला लगता था, जिसमें बड़ी तादाद में लोग जमा होते थे.

सिद्धार्थनगर के डुमरियागंज इलाके में चौखड़ा फागु बाबा की मजार पर प्रशासन की बड़ी कार्रवाई गेखने को मिली. मंगलवार को ADM गौरव श्रीवास्तव और SP प्रशांत कुमार सहित SDM राजेश कुमार की अगुवाई में मजार को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया. कार्रवाई के दौरान कई थानों की फोर्स और PAC बल भी मौके पर मौजूद रहे. अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के दौरान वहां किसी को जाने की अनुमति नहीं दी गई.
स्थानीय लोगों ने बताई पूरी कहानी
स्थानीय लोगों की मानें तो फागु बाबा की मजार करीब 100 वर्ष पुरानी है. यहां हर बृहस्पतिवार को भारी संख्या में लोग जुटते थे. इसे लेकर विवाद तब शुरू हुआ, जब 25 जून को डुमरियागंज के पूर्व विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह ने उक्त स्थल को फागू बाबा की समाधि बताते हुए एसडीएम डुमरियागंज को एक पत्र को लिखा. इसमें उन्होंने उस स्थल को फागु प्रसाद की समाधि करार दिया. उनके मुताबिक कुछ वक्त से से लोगों हर बृहस्पतिवार को वहां पर दुआ पढ़ने और चमत्कार के नाम पर अंधविश्वास फैला रहे हैं, जिससे उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेंस पहुंच रही है.
इसके साथ ही उन्होंने वहां पर बृहस्पतिवार को हनुमान चालीसा पाठ करने की भी बात कही. विवाद को बढ़ता देख प्रशासन हरकत में आ गया और तहसील प्रशासन ने उस स्थान के आसपास निषेधाज्ञा लागू कर दी. पिछली 26 जून को बृहस्पतिवार से वहां पर आने- जाने को लेकर रोक लगा दी गई थी.
हुई कार्रवाई
वहां की गतिविधियों पर रोक लगने के बाद पूर्व MLA ने विवादित स्थल पर हनुमान चालीसा पढ़ने के कार्यक्रम को रद्द कर दिया. इस फैसले को लेकर डुमरियागंज की मौजूदा विधायक सैयदा खातून ने प्रशासन से आपत्ति दर्ज कराई. उनका कहना है कि उस जगह पर सैकड़ो सालों से मजार मौजूद है तो इसे विवादित क्यों बनाया जा रहा है. प्रशासन की मानें तो उस जगह पर जो मजार बनी थी, वो पशुचर की जमीन पर बनी हुई थी. मंगलवार की सुबह मजार को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया.



